ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बड़ा बयान – “भारत ने आतंक के खिलाफ किया जिम्मेदार और सटीक जवाब”

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ा बयान देते हुए 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को बर्बरतापूर्ण और सुनियोजित करार दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले में परिवारों के सामने लोगों को बेहद नृशंस तरीके से सिर में गोली मारी गई, जिससे आम नागरिकों और उनके परिवारों को जानबूझकर मानसिक रूप से आहत किया गया।
मिसरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन और विकास तेजी से बढ़ा है, पिछले साल सवा दो करोड़ से अधिक पर्यटक यहां आए थे। यह हमला इस क्षेत्र की प्रगति को बाधित करने और अशांति फैलाने की कोशिश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि हमला केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में सामुदायिक तनाव भड़काने की साजिश थी।
इस हमले की जिम्मेदारी TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पुख्ता जानकारी जुटाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की जमीन आतंकियों की शरणस्थली बनी हुई है।
मिसरी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, “पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वह आतंकियों को पनाह देता है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठ फैलाता है। साजिद मीर को मृत घोषित किया गया, लेकिन वह जिंदा निकला — यह इसकी मिसाल है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने हमले के योजनाकारों और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की ओर से कोई स्पष्ट जवाबी कार्रवाई नहीं हुई, उल्टा आरोप लगाए गए।”
भारत की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, भविष्य में भारत पर और हमले की साजिशें रची जा रही थीं, जिनसे निपटना जरूरी था। इसी आधार पर भारत ने सीमा पार आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की, जो पूरी तरह सटीक, संयमित और जिम्मेदारीपूर्ण रही।
“ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का प्रतीक है, जिसका मकसद देशवासियों की सुरक्षा और राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा है,” विक्रम मिसरी ने कहा।