दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जंगपुरा सीट पर सियासी घमासान

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में जंगपुरा विधानसभा सीट इस बार खास चर्चा में है। आम आदमी पार्टी ने इस सीट से मनीष सिसोदिया को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने फरहाद सूरी और बीजेपी ने तरविंदर सिंह मारवाह पर दांव खेला है।
जंगपुरा सीट के समीकरण
मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। यह उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। दूसरी ओर, बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह, जो कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके हैं, तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस के फरहाद सूरी भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
मतदाताओं का गणित
जंगपुरा सीट पर कुल 88,561 मतदाता हैं, जिनमें 48,227 पुरुष, 40,330 महिला और 4 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इस बार 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
2020 के नतीजों पर एक नजर
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के इम्प्रीत सिंह बख्शी को हराया था। प्रवीण कुमार को 45,133 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 29,070 वोट हासिल हुए। कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी।
मनीष सिसोदिया का राजनीतिक सफर
मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, का राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से राजनीति में कदम रखा और अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया। पटपड़गंज सीट से तीन बार जीतने वाले सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं।
कड़ी टक्कर की उम्मीद
पिछली बार पटपड़गंज सीट पर उन्हें कड़ी चुनौती मिली थी, जहां वे मात्र 3,207 वोटों के अंतर से जीत पाए थे। इस बार उनका जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ना कई सवाल खड़े कर रहा है।
सिसोदिया के समर्थकों की उम्मीदें
सिसोदिया के समर्थकों का कहना है कि उनका अनुभव और शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्य उन्हें मजबूत बना सकते हैं। हालांकि, उन पर लगे आरोप और उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए जनता का रुख निर्णायक होगा।
जंगपुरा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। मनीष सिसोदिया, फरहाद सूरी और तरविंदर सिंह मारवाह के बीच का यह मुकाबला देखना दिलचस्प होगा। यह चुनाव दिल्ली की राजनीति के नए समीकरण तय करेगा।