मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है, डग्गामार वाहन।
परिवहन विभाग को लाखों का नुकसान पहुंचा रहे, प्राइवेट वाहन।

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: डग्गामार वाहनों की वजह से पहले हो चुके हादसों को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किया था, कि शहर से डग्गामार वाहनों को पूरी तरह से हटाया जाए मगर आदेश सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गया।
शहर में डग्गामार वाहनों की तादात बढ़ने के साथ -साथ वाहन संचालकों के हौसले भी इस कदर बढ़ चुके हैं।
वाहनों को कहीं भी खड़ा करके सवारी भरने लगते हैं। पॉलीटेक्निक चौराहे का हाल भी कुछ ऐसा है जहां कहने को तो दो -दो पुलिस चौकी है मगर करवाई के नाम पर एकदम जीरो।अगर कभी कोई आदेश जारी होता है तो करवाई के नाम पर खानापूर्ति करते नजर आते हैं, जिम्मेदार।
सूत्रों के मुताबिक आस पास बात करने के बाद पता चलता है, कि प्रतिदिन प्रत्येक वाहनों से 300 से 400 टोकन के नाम पर वसूली की जाती है और सुविधाशुल्क के रूप में वसूली का कुछ हिस्सा स्थानीय पुलिस चौकियों पर पहुंचा दिया जाता है अधिकारियों की मिली भगत से परिवहन विभाग को लाखों का चूना लग रहा है
और जनता का भी जान का खतरा बना हुआ है।