होली और ईद की तैयारियों से गुलजार हुआ बाजार, रमज़ान की रौनक भी चरम पर

- रिपोर्ट: अमित कुमार
अयोध्या। आठ रोज़े पूरे होते ही बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। खजूर और फलों की दुकानें सज चुकी हैं, और बाजारों में चहल-पहल देखने को मिल रही है। 14 तारीख को होली का त्योहार है और कुछ ही दिनों बाद ईद भी आने वाली है, जिसे देखते हुए बाजारों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
रमज़ान के पवित्र महीने की अहमियत को लेकर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नजमुल हसन गनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रोज़ा सिर्फ भूख-प्यास सहने का नाम नहीं, बल्कि यह खुद को संयमित करने की सीख देता है। रोज़ेदार अपनी हर ख्वाहिश पर काबू रखते हुए यह महसूस करता है कि अगर कोई भूखा-प्यासा हो, तो उस पर क्या बीतती है।
रोज़ा आत्मसंयम और भलाई का संदेश देता है
डॉ. गनी ने बताया कि रोज़ा सिर्फ खाने-पीने से दूरी ही नहीं, बल्कि बुरे कार्यों से बचने की भी सीख देता है।
आंखों का रोज़ा – बुरी चीजें देखने से बचना
ज़बान का रोज़ा – गलत बात न बोलना, किसी की बुराई न करना
कानों का रोज़ा – गलत बातें न सुनना, किसी की बुराई न सुनना
हाथ और पैरों का रोज़ा – नेक कामों की ओर बढ़ना, अच्छाइयों की ओर हाथ उठाना
रोज़ा सिर्फ इबादत ही नहीं, सेहत के लिए भी फायदेमंद
डॉ. गनी ने यह भी बताया कि अगर विज्ञान की दृष्टि से देखें तो रोज़ा सेहत के लिए भी लाभदायक होता है।
रोज़ा पेट की बीमारियों को दूर करता है – अगर कोई व्यक्ति 11 महीने भरपूर खाना खाता है और एक महीना रोज़ा रखता है, तो इससे उसकी पाचन क्रिया मजबूत होती है और तमाम बीमारियों से राहत मिलती है।
रोज़ा दिलों को जोड़ता है – यह आपसी भाईचारे और मोहब्बत का पैगाम देता है, समाज में प्रेम और सौहार्द्र बढ़ाता है।
बाजारों में दिखी त्योहारों की रौनक
अयोध्या में होली और ईद दोनों त्योहारों की तैयारियों को लेकर बाजार गुलजार हो गए हैं। एक ओर होली की खरीदारी के लिए लोग रंग, गुलाल और मिठाइयों की दुकानों पर जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर रमज़ान के चलते खजूर, फल और अन्य सामग्री की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है।
रमज़ान की आध्यात्मिकता और बाजार की रौनक के इस खूबसूरत संगम को आप हमारी इस खास रिपोर्ट में देख सकते हैं।