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यूपी में कानून सख्त, मगर अपराधी बेलगाम! मिर्जापुर का विंध्याचल बना दबंगों का अखाड़ा

पुलिस का 'चुम्मा-चाटी डॉट कॉम' वाला सन्यासी मोड़ से अपराधी ‘दबंग मोड’ में! कागजों पर सख्त, जमीन पर ढीली! मिर्जापुर में दबंगई चरम पर, कानून का इकबाल खटाई में* विंध्याचल माता की नगरी है, लेकिन यहां शिवभक्तों से ज्यादा ‘चिलम भक्तों’ की भीड़ बढ़ती जा रही है। विंध्याचल में खुलेआम 'गुंडाराज', अपराधी बेखौफ—पुलिस बस तमाशबीन!

  • रिपोर्ट: चन्दन दुबे

मिर्ज़ापुर:  योगी सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तमाम सख्त आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री बार-बार दोहरा रहे हैं कि अपराधियों में कानून का डर होना चाहिए और पुलिस का इकबाल बुलंद रहना चाहिए। लेकिन मिर्जापुर के हालात मुख्यमंत्री के बयानों का खुला मज़ाक उड़ाते नजर आ रहे हैं। यहां मनबढ़ प्रवृति के अपराधियों में कानून का खौफ कम और पुलिस की कमजोरी का भरोसा ज्यादा नजर आ रहा है। प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद अपराधियों में न तो कानून का खौफ है और न ही पुलिस का डर। मिर्जापुर के विंध्याचल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से जो हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब यह क्षेत्र कानून के लिए चुनौती बन गया है। अपराधियों के लिए खुलेआम दबंगई का अखाड़ा बना हैं ।

विंध्याचल बना ‘गुंडों का तीर्थ स्थल’, पुलिस लापता!

कहते हैं धरती पर दो कानून है एक ऊपर वाले का एक नीचे वाले का, वही यह भी कहते हैं कि ऊपर वाले के लाठी में आवाज नहीं होता पर सुनाई तगड़ा देता है। और वही नीचे वाले के लाठी में तोआवज होता है पर वह कुछ क्षणिक पल भर का। जहां बात करे तो लोगों की तादात ऊपर वाले कानून, यानि मां विंध्यवासिनी की नगरी में मां के दरबार में मां के दर्शन के आते हैं, मगर अब वही नीचे वाले कानून की बात की जाए तो उनके दर्शन दुर्लभ हो चुके हैं। कहीं वाहन स्टैंड पर मारपीट होती है, तो कहीं खुलेआम लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से लोगों को पीटा जाता है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे सरेआम जानलेवा हमले कर रहे हैं, जहां पुलिस को दूरगामी सोच को देखते हुए माहौल का जायजा लेना चाहिए वहां पुलिस प्रशासन सुस्त वाली हरकत में मूकदर्शक बनी तमाशा देख रही है।

पुलिस का इकबाल खत्म? अपराधियों का बेखौफ राज!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ होना चाहिए, लेकिन विंध्याचल में हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। यहां कानून व्यवस्था का बुरा हाल है और दबंगों का आतंक चरम पर है। जहां कोई भी बाहुबली’ बन दबंगई दिखा देता है।मिर्जापुर के विंध्याचल थाना क्षेत्र में एक ढाबे के पास दबंगों ने एक युवक को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया।
पीड़ित राजेश यादव, पुत्र अमरनाथ यादव, निवासी तुलसी तलैया, अपने जेसीबी के किसी काम से दूधनाथ तिराहा स्थित रिद्धि सिद्धि ढाबे पर पहुंचे थे। तभी पहले से घात लगाए बैठे दबंगों—झुरी यादव, मुकेश यादव और अन्य तीन अज्ञात लोगों—ने लोहे की रॉड, लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
जहां राजेश यादव का सिर फट गया, खून से लथपथ हालत में किसी तरह वह विंध्याचल थाने पहुंचे और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने घायल को मेडिकल के लिए अस्पताल भेजा और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। लेकिन 24 घंटे बीतने के बावजूद भी अपराधी बेखौफ होकर वारदात कर फरार हो जाते हैं। और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

पुलिस का ‘चुम्मा-चाटी डॉट कॉम’ वाला सन्यासी मोड़ से अपराधी ‘दबंग मोड’ में!

विंध्याचल में कानून से ज्यादा भगवान भरोसे रहने की जरूरत है क्योंकि पुलिस खुद आध्यात्मिक साधना में लगी दिखती है। कहीं दरोगा साहब ‘राम रहीम’ बनकर अपनी ‘हनीप्रीत’ तलाशते नजर आते हैं, तो कहीं ‘आसाराम’ की तरह खुद को मसीहा दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं। बताते चले कि हाल ही में वायरल हुए व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट के चुम्मा-चाटी डॉट कॉम” कांड ने यह साफ कर दिया कि पुलिस जनता की सुरक्षा से ज्यादा व्हाट्सएप चैट में व्यस्त है नाबालिक से रंगीन मिजाजी बातों के अंग प्रदर्शन का खेल खेलते हैं। अपराधियों को पकड़ने के बजाय पुलिस प्रेमलीलाओं में डूबी रहेगी, तो गुंडों का मनोबल सातवें आसमान पर क्यों नहीं होगा?

विंध्याचल: नशे की मंडी और ‘बम-बम भोले’ की आड़ में गंदा खेल।

विंध्याचल को धार्मिक नगरी कहा जाता है, मगर अब यहां धार्मिक आस्था के साथ अपराध भी खूब फल-फूल रहा है।
शहर में गांजा, भांग और शराब का व्यापार जोरों पर है, और नशे की गिरफ्त में युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। विंध्याचल में अब भक्ति के गीत कम, और ‘दम पे दम मारे जा’ हरे कृष्णा हरे राम गाए जा रहा है— विंध्याचल में यह सिर्फ भजन नहीं, बल्कि नशे की लय बन चुका है अब यह धुन ज्यादा गूंज रही है।

‘मिर्जापुर मॉडल’—क्या सिर्फ वेब सीरीज तक सीमित रहेगा पुलिसिया इकबाल दिखेगा?

विंध्याचल पुलिस और प्रशासन की ‘मिर्जापुर मॉडल’ वाली छवि अब सिर्फ वेब सीरीज में ही दिखती है। जमीन पर तो हालात यह हैं कि दबंग सरेआम लोगों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं, और पुलिस फाइलों में FIR दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है।
अपराधियों को डर नहीं, क्योंकि उन्हें पता है कि थोड़ी सेटिंग कर लो, सब मैनेज हो जाएगा!

सवाल जनता को कौन बचाएगा? सरकार, पुलिस या खुद ‘हनुमान जी’!

मिर्जापुर में हालात यह हैं कि या तो जनता खुद ‘बजरंगबली’ का आह्वान करे या फिर अपराधियों से निपटने के लिए अपनी सुरक्षा खुद करे। लगातार बढ़ते अपराधों को देखते हुए बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार और प्रशासन इस ‘गुंडाराज’ को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे या फिर कानून व्यवस्था ऐसे ही अपराधियों के रहमोकरम पर चलती रहेगी।
कहीं ऐसा न हो कि जनता ‘हर हर महादेव’ की जगह ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्लाने को मजबूर हो जाए!

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