साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या में सांस्कृतिक परिषद् द्वारा संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई

- रिपोर्ट: अमित कुमार
अयोध्या: का.सु. साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या में सांस्कृतिक परिषद् द्वारा भारत रत्न, संविधान निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब, तथागत बुद्ध और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई।
मुख्य अतिथि एडिशनल कमिश्नर, अयोध्या डिविजन अजयकांत सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि बाबासाहेब का जीवन संघर्ष, शिक्षा और समानता के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि केवल एक दिन उन्हें याद करना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनके विचारों को जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विशिष्ट अतिथियों में एसपी ग्रामीण अयोध्या बलवंत चौधरी, सहायक कमांडेंट सीआरपीएफ चंद्रसेन चौधरी, तथा सीओ सदर अयोध्या योगेंद्र कुमार शामिल रहे। सभी अतिथियों ने बाबासाहेब के अनुशासन, सोच और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दानपति तिवारी ने बाबा साहेब को महान विचारक और समाज सुधारक बताते हुए उनके संस्कृत प्रेम और शिक्षा में योगदान को रेखांकित किया। वक्ता प्रो. अनिल कुमार सिंह ने बाबा साहब के क्रांतिकारी विचारों और सामाजिक परिवर्तन में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
मुख्य नियंता प्रो. अशोक कुमार मिश्र, डॉ. बी. के. सिंह, डॉ. संतोष कुमार, तथा डॉ. रवि कुमार चौरसिया ने भी बाबा साहेब के जीवन, विचार और वर्तमान प्रासंगिकता को विद्यार्थियों के समक्ष सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक परिषद् के सदस्य डॉ. अखिलेश कुमार ने किया। अतिथि परिचय डॉ. वेद प्रकाश वेदी द्वारा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संतलाल, भूगोल विभाग ने किया।
इस अवसर पर 13 अप्रैल 2025 को विश्व ज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में ‘विश्व ज्ञान प्रतियोगिता’ का आयोजन भी किया गया, जिसमें लगभग 500 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में टॉप 10 प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। इस आयोजन में सहसंयोजक डॉ. सोनू, मनोविज्ञान विभाग रहे।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. उमापति, डॉ. प्रशांत प्रजापति, डॉ. विपिन सिंह, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. सूरज, विष्णु कुमार, डॉ. बृजेश, श्री रामाश्रय, और इंद्रजीत सहित अनेक प्राध्यापक उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
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