सीएम योगी ने की यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समीक्षा, बोले – बदलते दौर के अनुसार बोर्ड का हो पुनर्गठन

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने बोर्ड के पुनर्गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए संगठनात्मक बदलाव जरूरी हैं।
बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री
बैठक में राज्य मंत्री के.पी. मलिक, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, अपर मुख्य सचिव (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन) मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा और सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह भी मौजूद रहे।
75 जिलों में 28 कार्यालय, अब हर मंडल और जिले में होगा कार्यालय
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि वर्तमान में 75 जिलों में फैले 28 क्षेत्रीय कार्यालयों को 18 मंडलों के आधार पर पुनर्गठित किया जाए, और हर जिले में एक कार्यालय स्थापित किया जाए।
जहां औद्योगिक गतिविधियां अधिक हैं, वहां एक से अधिक कार्यालयों की स्थापना की जा सकती है।
नए युग की पर्यावरणीय जरूरतों के अनुरूप हो काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, खतरनाक कचरा, ई-वेस्ट, और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए विशेष सेल बनाए जाएं। साथ ही:
- जन शिकायत निवारण
- अनुसंधान एवं विकास अध्ययन
- जन-जागरूकता एवं प्रकाशन
- आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित यूनिट
का भी गठन किया जाए।
उद्योगों से अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया हो और तेज
योगी ने निर्देश दिए कि सीटीओ/सीटीई (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के निस्तारण में तेजी लाई जाए।
फिलहाल यह प्रक्रिया:
- लाल श्रेणी : 120 दिन
- नारंगी श्रेणी : 40 दिन
- हरी श्रेणी : 25 दिन
में होती है, जिसे क्रमशः 40, 25 और 10 दिन में पूरा किया जाए।
युवाओं को मिलेगा मौका, खाली पद जल्द भरें
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि बोर्ड में रिक्त पदों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज की जाए।
IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के दक्ष युवाओं को बेहतर वेतन पैकेज पर नियुक्त किया जाए।
इस संबंध में बोर्ड स्तर पर नियमानुसार निर्णय लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘Reform, Perform, Transform’ के मंत्र को ध्यान में रखते हुए बोर्ड को नई दिशा में अग्रसर करना समय की मांग है।