लखनऊ: इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह गिरफ्तार: संस्कृति विभाग के आयोजनों में की थी धनराशि में हेराफेरी

- रिपोर्ट : अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग से जुड़े आयोजनों में वित्तीय अनियमितता के मामले में कानपुर निवासी इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में सामने आई गड़बड़ी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2024-25 में कलाकारों को दी जाने वाली धनराशि में हेरफेर की शिकायत मुख्यालय को प्राप्त हुई थी। शिकायत की जांच पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह द्वारा की गई।
जांच में पता चला कि राजकीय कोषागार, जवाहर भवन, लखनऊ से संबंधित बिल संस्कृति विभाग द्वारा जारी किया गया था। यह बिल बहराइच में आयोजित कार्यक्रम से संबंधित था, जिसमें कई कलाकारों ने प्रदर्शन किया था।
शिकायतकर्ता को कम भुगतान, फिर धमकी
18 फरवरी 2025 को नील विजय सिंह द्वारा शिकायतकर्ता को गायन के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के लिए ₹35,000 की सहमति हुई थी, लेकिन केवल ₹30,000 ही भुगतान किया गया।
कुछ समय बाद शिकायतकर्ता को शेष धनराशि देने के नाम पर कैंसिल चेक की मांग की गई। 31 मार्च को शिकायतकर्ता के खाते में राजकीय कोषागार से ₹2,41,000 की राशि प्राप्त हुई, जो विभागीय भुगतान प्रतीत होती थी।
इस राशि को लेकर नील विजय सिंह ने बार-बार फोन कर उसे लौटाने का दबाव बनाया। जब शिकायतकर्ता ने मना किया तो 3 अप्रैल की रात 10 बजे नील विजय अपने भाई, भाभी और मां के साथ शिकायतकर्ता के घर पहुंचा और जान से मारने की धमकी देने लगा। इस दौरान उसने कुख्यात अपराधी लारेंस विश्नोई का नाम लेकर डराने की भी कोशिश की।
पूछताछ में कबूला अपराध
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने स्वीकार किया कि शिकायतकर्ता का बिल उसने स्वयं तैयार किया था, ताकि उस पर नियंत्रण रख सके। एसटीएफ ने संबंधित दस्तावेजों और बयानों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
संस्कृति विभाग में इवेंट मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली पर सवाल
यह मामला उजागर होने के बाद उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग में आयोजनों की पारदर्शिता और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए अब विभाग द्वारा सख्त निगरानी व्यवस्था लागू करने की उम्मीद जताई जा रही है।