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महाकुंभ में स्वच्छता निगरानी में लापरवाही पर डॉक्टर निलंबित

-शौचालय के पर्यवेक्षण ठीक ढंग से न करने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की कार्रवाई -डॉक्टर अयोध्या स्थित अपर निदेशक कार्यालय से सम्बद्ध, विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश

  •  रिपोर्ट : ज्ञानेश वर्मा

लखनऊ।

महाकुंभ में स्वच्छता निगरानी में लापरवाही बरतना एक डॉक्टर को महंगा पड़ा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लापरवाह डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान उन्हें अयोध्या मंडलीय के अपर निदेशक कार्यालय से संबंध किया गया है। साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को विभागीय कार्यवाही भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हुआ। मेला क्षेत्र में संक्रामक रोगों से निपटने के पर्याप्त प्रबंध किए गए थे। इसके लिए प्रदेश भर से स्वास्थ्य सेवाएं जुटाई गईं थी। विभिन्न जनपदों के चिकित्साधिकारियों, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ की तैनाती प्रयागराज मेला प्राधिकरण में की गई थी। अमेठी के डॉ. सुनील यादव की तैनाती मेला क्षेत्र सेक्टर-6 में की गई थी। किन्तु डॉ. यादव ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान 29 जनवरी के बाद मेला क्षेत्र के सेक्टर-6 में स्थापित शौचालयों की साफ-सफाई इत्यादि की व्यवस्था का सही तरीके से पर्यवेक्षण नहीं किया था। जिससे संकामक रोगों के फैलने की आशंका थी। जबकि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में शौचालयों की स्थापना की गई थी। इस संबंध में उच्च स्तर पर बैठक के माध्यम से निर्देश दिये गए थे। डॉ. सुनील यादव ने लापरवाही करते हुए समुचित मात्रा में शौचालयों की स्थापना के लिए साईटिंग उपलब्ध नहीं करायी थी।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लिया। काम में लापरवाही बरतने पर डॉ. सुनील को निलम्बित कर दिया है। साथ ही अयोध्या के मण्डलीय अपर निदेशक कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया। इस संबंध में प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को डॉ. सुनील के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हें।

रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के आदेश
लखीमपुर खीरी के जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ. सौरभ शुक्ला ने अस्पताल प्रशासन पर रिश्चतखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया में वीडियो भी वायरल हुआ है। इसका संज्ञान डिप्टी सीएम ने लिया है। उन्होंने चिकित्सालय प्रशासन के विरूद्ध लगाये गये आरोपों को गम्भीरता से लिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को जांच के आदेश दिए हैं। तीन दिन में जांच पूरी करनी होगी। श्री पाठक ने कहा कि रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आरोपों के सही पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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