मुस्कुराइए… कि आप लखनऊ में हैं! गंदगी, कूड़े और प्रशासनिक लापरवाही का ‘स्वच्छ’ चेहरा

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ: लखनऊ की छवि को “नवाबों का शहर” और “तहज़ीब की मिसाल” के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं अलग है। शहर की साफ-सुथरी तस्वीर के पीछे लापरवाही, भ्रष्टाचार और अनदेखी की बदबू लगातार फैल रही है।
हिन्द नगर वार्ड के सेक्टर C-1 की स्थिति इसका ज्वलंत उदाहरण है। यहां हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) को काटकर उसके करीब ही कूड़ा घर बना दिया गया, जो नेशनल पब्लिक स्कूल जैसे शिक्षण संस्थान के पास है, जहां हजारों बच्चे पढ़ने आते हैं। यही नहीं, मुख्य मार्ग पर बने इस कूड़ा घर से गुजरने वाले लोग—बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे—अपने मुंह ढंककर निकलने को मजबूर हैं।
यह कूड़ा घर सिर्फ सेक्टर C-1 तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी का कचरा यहीं लाकर फेंका जाता है, जिसे नगर निगम के वाहन यहां रोजाना ढोकर लाते हैं।
शिकायतें करने के बावजूद नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। 21 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत को अधिकारी सुमित मिश्रा ने फर्जी रिपोर्ट और फोटो लगाकर निपटा दिया। जब 1 मई और 10 मई को असंतोष दर्ज कराया गया, तो दोबारा झूठे निस्तारण की खानापूर्ति कर दी गई।
अधिकारी बलवंत सिंह से संपर्क करने पर वे मौके पर आए और साफ शब्दों में कह दिया – “यह नगर निगम का काम नहीं है, इसे उद्यान विभाग देखे।” जबकि हकीकत यह है कि कूड़े का पहाड़ अब स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश है कि लखनऊ में कहीं भी कूड़ा नहीं दिखना चाहिए, लेकिन उनके निर्देशों की निगम अधिकारियों के लिए कोई अहमियत नहीं।
जनप्रतिनिधि चुप हैं, अफसर लापरवाह हैं और जनता गंदगी के बीच जीने को मजबूर है।
तो लखनऊ के अधिकारियों को बधाई दीजिए…
क्योंकि मुस्कुराइए, आप लखनऊ में हैं!
📝 जागरूक सोशल सोसाइटी, सेक्टर C-1, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड, लखनऊ