उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए इन्वेस्ट यूपी और रेलवे के बीच एमओयू हस्ताक्षरित

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में आज उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक अवसंरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू इन्वेस्ट यूपी और भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल के बीच हुआ।
समझौते पर इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद और रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए।
मुख्य सचिव ने इस पहल को उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक शक्ति केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और एकीकृत लॉजिस्टिक्स विकास को गति देगा।
क्या है समझौते की खास बातें:
- रेलवे की भूमि 35 वर्षों के लिए रियायती दर (सिर्फ 1.5%) पर लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे राज्य में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
- कच्चे माल और तैयार उत्पादों का कम से कम एक हिस्सा रेलवे मार्ग से लाना अनिवार्य होगा, जिससे मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स को बल मिलेगा।
- प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल में रेलवे भूमि से जुड़ा डेटा समाहित किया जाएगा ताकि निवेशकों को जानकारी में आसानी हो।
- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया गया।
लॉजिस्टिक्स में यूपी की बढ़त:
- राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 14% से घटाकर 10% से कम करने का लक्ष्य रखा है।
- दादरी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब और वाराणसी में देश का पहला ‘फ्रेट विलेज’ निर्माणाधीन है।
- यूपी के पास देश की सबसे अधिक कोल्ड स्टोरेज क्षमता (39.84%) है।
- डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, सेमीकंडक्टर पार्क जैसे सेक्टर-विशेष औद्योगिक क्लस्टर भी विकसित किए जा रहे हैं।
नीति समर्थन:
यह समझौता उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति 2022 के अनुरूप है, जिसके तहत:
- न्यूनतम ₹20 करोड़ के निवेश पर परियोजनाएं पात्र होती हैं।
- स्टाम्प ड्यूटी और भूमि उपयोग परिवर्तन पर छूट।
- पूंजीगत सब्सिडी और बिजली शुल्क में छूट जैसी रियायतें मिलती हैं।
समारोह में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह एमओयू उत्तर प्रदेश को औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभारने की राज्य सरकार की दूरदर्शी रणनीति का प्रतीक है।