सदाशिव साहित्यिक सेवा संस्थान के तत्वाधान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ:
शिवरात्रि के पावन अवसर पर सदाशिव साहित्यिक सेवा संस्थान के तत्वाधान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देशभर से आए प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नीरज सिंह जी मुख्य संरक्षक उत्तर विधानसभा विधायक डॉ नीरज बोरा जी विशिष्ट अतिथि लखनऊ मेयर माननीय सुषमा खर्कवाल जी और भाजपा महानगर अध्यक्ष माननीय आनंद द्विवेदी जी द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमोद द्विवेदी ने की।
कवि सम्मेलन में कवि
1. प्रमोद द्विवेदी जी ने कविता पाठ में कहा,
पाई पाई का हिसाब ले सबको सबक सिखायेंगे।
एकमात्र संकल्प यही अब भारत नया बनायेंगे
जैसी सुंदर प्रस्तुति देकर दर्शकों को आनंदित किया
2.नीरज पांडे
,शान्ति दूत बनने से जब कोई हल नहीं निकलता है।
तब मेरी कविता का अक्षर -अक्षर आग उगलता है।
ओज और व्यंग से लोगो को ओत प्रोत किया।
3. कवियत्री शिखा मिश्रा आंखों से जो ओझल है मंजर वह दिखा दूंगी
बहते हुए पानी पर तस्वीर बना दूंगी
गीत ग़ज़ल की सुंदर प्रस्तुति देकर खूब तालिया बटोरी
उसके बाद कवि अशोक झंझटी, सुरेश कक्कड़, अजय प्रधान, हरि मोहन बाजपेई,आदि कवियों ने प्रेम, राष्ट्रभक्ति, सामाजिक सरोकार और हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण कविताओं की प्रस्तुति दी। कवियों की रचनाओं ने श्रोताओं को कभी गहराई में उतारा तो कभी हंसी से लोटपोट कर दिया। व्यंग्यपूर्ण कविताओं ने लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया।
मुख्य अतिथि नीरज सिंह जी ने अपने संबोधन में कहा, “कविता समाज का दर्पण होती है। कवि सम्मेलन जैसे आयोजन हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का माध्यम हैं।”
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष/आयोजक,लवकुश त्रिवेदी जी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भविष्य में भी हमारी संस्था ऐसे साहित्यिक आयोजन का सिलसिला जारी रखेगी।
कार्यक्रम में वरिष्ठ जनों एवं साहित्य प्रेमियों, विद्यार्थियों और विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने इसे अत्यंत सफल बना दिया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कवि सम्मेलन का समापन हुआ।