ताज़ा खबरेंभारत

किसानों के लिए घोषणा, पीएम धनधान्य योजना का ऐलान

क्रेडिट कार्ड की लिमिट हुई 5 लाख

ज्ञानेश वर्मा
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पेश किए गए बजट में किसानों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री धनधान्य योजना रखा गया है। इस योजना के तहत राज्यों के साथ मिलकर काम करते हुए 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि इस बजट में गरीब, युवा, महिला और किसानों की बेहतरी पर ध्यान दिया गया है। कृषि क्षेत्र में विकास, ग्रामीण इलाकों का विकास, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र में सुधार लाने पर भी जोर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री धनधान्य योजना के तहत देश के 100 जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से चलाई जाएगी। किसानों को अधिक सुविधा देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नया मिशन शुरू किया जाएगा और किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने के लिए देश में नई यूरिया फैक्ट्रियां स्थापित की जाएंगी। इन सभी पहलों से किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

यह योजना किसानों के लिए राहत की खबर है। इससे किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, यह बजट किसानों के लिए काफी सकारात्मक हो सकता है। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से कृषि क्षेत्र में सुधार आएगा और किसानों की आय में वृद्धि भी हो सकती हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना आठवां बजट पेश करते हुए बताया कि नया टैक्स बिल अगले हफ्ते सदन में पेश किया जाएगा. इस बिल के अंतर्गत 2025 से डायरेक्ट टैक्स में बदलाव लागू किए जाएंगे और यह वर्तमान आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।

नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत टैक्स प्रावधानों को सरल बनाने, गैर-जरूरी धाराओं को हटाने और भाषा को आम नागरिकों के लिए सहज बनाने पर जोर दिया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कर कानूनों की समझ में आसानी आएगी, कानूनी विवादों में कमी होगी और टैक्सपेयर्स के लिए समग्र प्रणाली पहले की तुलना में अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।

यह तीसरा मौका है जब आयकर अधिनियम को फिर से तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले, 2010 में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पेश किया गया था. बाद में मोदी सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी. हालांकि, उस समय समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और न ही सिफारिशों को लागू किया गया था।

नए कानून के तहत हजारों प्रावधानों को हटाने की योजना है, साथ ही उन धाराओं को समाप्त किया जाएगा जो अब प्रासंगिक नहीं रहीं. समिति को निर्देश दिया गया है कि इसे इस तरह से तैयार किया जाए कि आम नागरिकों के लिए इसे समझना आसान हो. वर्तमान में सरकार नए विषयों को शामिल करने की योजना पर विचार नहीं कर रही है।

टैक्स स्लैब का पूरा विवरण
0-4 लाख रुपये – शून्य
4-8 लाख रुपये – 5 प्रतिशत
8-12 लाख रुपये – 10 प्रतिशत
12-16 लाख रुपये – 15 प्रतिशत
16-20 लाख रुपये – 20 प्रतिशत
20-24 लाख रुपये – 25 प्रतिशत
24 लाख रुपये से अधिक – 30 प्रतिशत

₹ 12 लाख तक की सामान्य आय (पूंजीगत लाभ जैसे विशेष दर आय को छोड़कर) वाले करदाताओं को स्लैब दर में कमी के अलावा कर छूट प्रदान की जा रही है, ताकि उन्हें कोई कर देय न हो। विभिन्न आय स्तरों पर स्लैब दर परिवर्तन और छूट के कुल कर लाभ को उदाहरणों के साथ समझाया जा सकता है। नई व्यवस्था में ₹ 12 लाख की आय वाले करदाता को ₹ 80,000 का कर लाभ मिलेगा (जो मौजूदा दरों के अनुसार देय कर का 100% है)। ₹ 18 लाख की आय वाले व्यक्ति को ₹ 70,000 का कर लाभ मिलेगा (मौजूदा दरों के अनुसार देय कर का 30%). ₹ 25 लाख की आय वाले व्यक्ति को ₹ 1,10,000…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button