चंडीगढ़ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद मेडिकल इमरजेंसी अलर्ट, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, PGI में विशेष आपदा वार्ड तैयार

चंडीगढ़: भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने स्वास्थ्य आपातकाल जैसी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी मेडिकल अधिकारियों और स्टाफ की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और उन्हें 24×7 इमरजेंसी ड्यूटी मोड में काम करने का आदेश दिया गया है।
नेशनल हेल्थ मिशन, चंडीगढ़ (UT) की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (AAMs) और अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (UAAMs) के स्टाफ को फोन कॉल्स का तुरंत जवाब देना अनिवार्य किया गया है। अनुपालन न करने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
PGI अस्पताल में भी व्यापक तैयारियां की गई हैं। मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि नेहरू ग्राउंड फ्लोर पर विशेष आपदा वार्ड और अलग एंट्री गेट तैयार किया गया है। कोविड काल से मिली सीख के आधार पर व्यवस्थाएं और अधिक चुस्त की गई हैं। हालांकि, आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति अभी शेष है।
ICU और HDU की व्यवस्थाओं का निरीक्षण डॉ. संजीव पलटा ने स्वयं किया है। ट्रॉमा ब्लॉक को मेकशिफ्ट अस्पताल के रूप में सक्रिय किया गया है, और फार्मेसी को सभी जरूरी दवाएं स्टॉक में रखने के निर्देश जारी हुए हैं। आपदा स्थिति में अस्पताल परिसर में वाहनों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
डायरेक्टर हेल्थ सर्विस, डॉ. सुमन सिंह ने जानकारी दी कि नर्सिंग स्टाफ को मरीजों और उनके परिजनों को आपात स्थितियों में संभालने का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं। गोपनीयता बनाए रखने के लिए जिन वार्डों में पर्दे नहीं हैं, वहां ब्लैक चार्ट पेपर लगाए जा रहे हैं। मॉक ड्रिल के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई।
PGI परिसर स्थित केमिस्ट शॉप और लाइब्रेरी को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों को किसी भी आपात सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए गए हैं।