कोविड के अब तक कितने वैरिएंट आए सामने? जानिए JN.1 कितना खतरनाक है

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
नई दिल्ली: एशिया के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट JN.1 के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अब तक कोविड-19 के कितने वैरिएंट आ चुके हैं और JN.1 की संक्रामकता और खतरनाक स्तर कितना है? आइए जानें इससे जुड़ी अहम जानकारियां।
कोरोना वायरस की शुरुआत कब हुई?
कोविड-19 महामारी की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी। यह वायरस SARS-CoV-2 के नाम से जाना जाता है, जो समय के साथ म्यूटेट होकर कई नए रूपों में सामने आया। वायरस के म्यूटेशन से बने नए रूपों को वैरिएंट कहा जाता है, जिनमें से कुछ ने वैश्विक स्तर पर गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया।
अब तक सामने आए प्रमुख कोविड वैरिएंट्स:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और CDC के अनुसार, जनवरी 2020 से अब तक सैकड़ों वैरिएंट्स की पहचान की जा चुकी है। हालांकि, कुछ ही वैरिएंट्स को VOCs (Variants of Concern) और VOIs (Variants of Interest) के रूप में वर्गीकृत किया गया।
मुख्य वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न (VOCs):
- अल्फा (B.1.1.7): सितंबर 2020, यूनाइटेड किंगडम – 50-70% अधिक संक्रामक
- बीटा (B.1.351): दिसंबर 2020, दक्षिण अफ्रीका – वैक्सीन को आंशिक रूप से चकमा देने वाला
- गामा (P.1): जनवरी 2021, ब्राजील – प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम
- डेल्टा (B.1.617.2): अप्रैल 2021, भारत – अत्यधिक संक्रामक और गंभीर
- ओमिक्रॉन (B.1.1.529): नवंबर 2021, दक्षिण अफ्रीका – बहुत तेजी से फैलने वाला
ओमिक्रॉन के प्रमुख सब-वैरिएंट्स:
BA.1, BA.2, BA.5, XBB, और JN.1 – इनमें JN.1 इस समय चर्चा में है।
JN.1: कितना खतरनाक है यह वैरिएंट?
- उच्च संक्रामकता:
JN.1 वैरिएंट में अतिरिक्त म्यूटेशन हैं, जो इसे कोशिकाओं में तेजी से प्रवेश करने और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में मदद करते हैं। - तेजी से फैलने वाला:
यह BA.2.86 से भी अधिक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट माना जा रहा है। - लक्षण:
इसके लक्षण सामान्य कोविड-19 जैसे होते हैं – बुखार, खांसी, थकान, स्वाद और गंध की हानि, और सांस लेने में कठिनाई।
हालांकि, अब तक के अध्ययन बताते हैं कि यह वैरिएंट ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता। - WHO की निगरानी:
सितंबर 2024 तक WHO ने JN.1 को Variant of Interest (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया था। इसके साथ ही JN.1.7, KP.2, KP.3, और अन्य को Variant Under Monitoring (VUM) की श्रेणी में रखा गया है।
निष्कर्ष:
अब तक कोविड-19 के कई रूप सामने आ चुके हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही वैश्विक चिंता का विषय बने। JN.1 वैरिएंट तेजी से फैलने वाला जरूर है, लेकिन यह ओमिक्रॉन की तरह कम गंभीर प्रतीत हो रहा है। फिर भी, सावधानी और सतर्कता बनाए रखना जरूरी है क्योंकि वायरस लगातार रूप बदल रहा है और किसी भी नए म्यूटेशन से खतरा बढ़ सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह मानें, भीड़भाड़ से बचें और समय पर वैक्सीनेशन करवाएं।