उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप के लिए नए नियम: मकान मालिकों पर जुर्माना, पंजीकरण अनिवार्य

देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद शादी के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप के संबंध में भी कई नए नियम लागू हो गए हैं। अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और मकान मालिकों को भी किराए के अनुबंध को अंतिम रूप देने से पहले लिव-इन प्रमाणपत्र की जांच करनी होगी। प्रमाणपत्र की अनदेखी करने वाले मकान मालिकों पर 20,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
क्या हैं नए नियम
उत्तराखंड में अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को अपने रिश्ते को पंजीकृत कराना जरूरी होगा। इसके साथ ही मकान मालिकों को किराए के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले लिव-इन प्रमाणपत्र की सत्यता जांचनी होगी। यदि वे इस प्रक्रिया में विफल रहते हैं, तो उन्हें 20,000 रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
नियम 20 (8) (सी)
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत नियम 20 (8) (सी) के अनुसार, मकान मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले किरायेदार अपने किराए के अनुबंध को अंतिम रूप देने से पहले अपना लिव-इन पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें। यह प्रमाणपत्र अब किराए के अनुबंध का अनिवार्य हिस्सा होगा।
रिलेशनशिप के प्रमाणपत्र की आवश्यकता
नए नियमों के तहत, किराए के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले मकान मालिक के लिए लिव-इन रिलेशनशिप का प्रमाणपत्र या अस्थायी प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह प्रमाणपत्र किराया समझौते का हिस्सा होगा, जिसे मकान मालिक को सत्यापित करना होगा।
एक महीने के भीतर पंजीकरण जरूरी
लिव-इन जोड़ों को अब 500 रुपये का पंजीकरण शुल्क देना होगा और अगर वे अपने रिश्ते के एक महीने के भीतर पंजीकरण नहीं कराते, तो उन्हें अतिरिक्त 1,000 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। यदि रिश्ता समाप्त हो जाता है, तो पंजीकरण प्रक्रिया के लिए 500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
नया विवाह और तलाक पंजीकरण नियम
उत्तराखंड सरकार ने एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें विवाह, तलाक और वसीयत पंजीकरण अब निर्धारित शुल्क के अधीन होंगे। विवाह के पंजीकरण के लिए 250 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, जबकि त्वरित सेवा (तीन दिन के भीतर प्रमाण पत्र की गारंटी) के लिए 2,500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।