जीएसटी डिप्टी कमिश्नर रामानंद रत्नाकर सिंह के खिलाफ पत्रकारों के साथ बदसलूकी, उठे सवाल

- रिपोर्ट: सुनील जायसवाल
सहारनपुर: सहारनपुर के बिहारीगढ़ में जीएसटी डिप्टी कमिश्नर रामानंद रत्नाकर सिंह द्वारा की गई छापेमारी के दौरान पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने के बाद सवाल उठने लगे हैं। पत्रकारों द्वारा छापेमारी की कवरेज करने के प्रयास पर जीएसटी डिप्टी कमिश्नर ने तिलमिलाते हुए आदेश दिया कि सभी पत्रकारों के कैमरे छीन लिए जाएं और उन्हें वहां से भगा दिया जाए। इस दौरान उनके साथ मौजूद प्राइवेट कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों ने पत्रकारों पर हमला कर उनके कैमरे छीनने की कोशिश की।
पत्रकारों के विरोध के बावजूद, डिप्टी कमिश्नर ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि वे कवरेज नहीं कर सकते। इस व्यवहार से पत्रकारों में गहरी नाराजगी है और सवाल उठ रहे हैं कि जीएसटी डिप्टी कमिश्नर क्या अफीम की दुकान की जांच कर रहे थे, या फिर वे किसी प्रकार के नशे के कारोबार की जांच कर रहे थे? या क्या पत्रकारों को रोकने का कारण उनके भ्रष्टाचार का खुलासा था?
सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान डिप्टी कमिश्नर अपने चहेते कर्मचारियों के साथ थे और प्राइवेट कर्मचारी भी उनकी टीम का हिस्सा थे। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि डिप्टी कमिश्नर प्राइवेट कर्मचारियों को क्यों अपने साथ रखते हैं और वे उन्हें वेतन कहां से देते हैं?
इस घटना के बाद ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जीएसटी विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की योजना बनाई है। पत्रकारों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि डिप्टी कमिश्नर रामानंद रत्नाकर सिंह और उनके कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह घटना जीएसटी डिप्टी कमिश्नर के बेतुके व्यवहार और पत्रकारों के खिलाफ उनके तुगलकी आदेशों की ओर इशारा करती है, जिससे प्रेस की स्वतंत्रता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
रिपोर्ट: सूत्रों पर आधारित