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कौशाम्बी: बहुचर्चित कांड की जांच SIT को सौंपी गई, बेगुनाह युवक पर दर्ज POCSO केस में नहीं मिला कोई सबूत

  • रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट

कौशाम्बी: जिले के बहुचर्चित कांड की जांच अब स्थानीय विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी गई है। क्षेत्राधिकारी सिराथू के नेतृत्व में बनी यह टीम पूरे मामले की तह तक जाएगी, जिसमें एक निर्दोष युवक को गलत तरीके से POCSO और बलात्कार जैसे संगीन आरोपों में फंसा कर जेल भेजे जाने का मामला सामने आया है।

नहीं मिला पास्को एक्ट का कोई सबूत
जांच में अब तक POCSO एक्ट के तहत दर्ज केस में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद बन गया है। पीड़ित युवक की गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।

पिता की मौत, प्रधान पर हत्या का केस
इस घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब युवक के पिता रामबाबू तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिजनों ने इसे सुनियोजित हत्या बताया और आरोप ग्राम प्रधान पर लगाया गया, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

राजनीतिक तूल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान
घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर एक लंबा ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इसे भाजपा की अंदरूनी कलह का नतीजा बताया और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।

अब SIT के जिम्मे सच्चाई उजागर करने की जिम्मेदारी
पूरा मामला अब SIT के अधीन है और लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं कि आखिर इस जटिल प्रकरण की सच्चाई क्या है। क्या बेगुनाह को न्याय मिलेगा? और क्या दोषियों को सजा मिल पाएगी?

जनता की एक ही मांग है — सच्चाई सामने आए और न्याय हो, भले ही वह किसी के खिलाफ क्यों न जाए।

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