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कलेक्टर के पास नहीं होगा अब उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण (VC) का कार्यभार

  • रिपोर्ट: ज्ञानेश वर्मा

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के जिलों में विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष का अतिरिक्त चार्ज जिले के जिलाधिकारी अब अपने पास नहीं रख सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त IAS अथवा वरिष्ठ PCS अधिकारी ही विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष होंगे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (संशोधन )विधेयक 2025 पेश किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा मिर्जापुर विंध्याचल विकास प्राधिकरण के गठन की अधिसूचना 13 सितंबर 2018 को जारी की गई थी. शासन ने मिर्जापुर विंध्याचल विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष किसी को नियुक्त नहीं किया था ! ऐसे में वहां के जिलाधिकारी को उपाध्यक्ष का कार्यभार दे दिया गया था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने आपत्ति जताई थी. ऐसे में अन्य प्राधिकरणों के पास भी इस तरह की स्थिति हो सकती है। कई बार कई जिलों में कलेक्टर के पास प्राधिकरण के VC का चार्ज आ जाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (संशोधन ) विधेयक 2025 को रखा है ! इसमें आवास विकास में यह स्पष्ट प्रावधान किया है कि विकास प्राधिकरण में सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी ही उपाध्यक्ष होगा।
उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 की उपधारा 4 को हटा दिया गया है जिसमें कलेक्टर को प्रभार रखने की व्यवस्था थी।

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