आमजन को लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोडी: पल्लवी पटेल

- रिपोर्ट: ज्ञानेश वर्मा
लखनऊ: पल्लवी पटेल जी ने कहा महाकुंभ के इस पवित्र आयोजन में सरकार को विभिन स्रोतों से लगभग 7500 करोड़ का निवेश मिला.. ताकि देश, विदेश, प्रदेश के हर कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को हर प्रकार की व्यवस्था और सुविधाएं उपलब्ध हों । लेकिन कहना गलत न होगा कि सरकार , सरकार चलाने वालों और आपके मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों के लिए यह आयोजन एक आर्थिक वरदान साबित हुआ। जिसने जितना हो सका, जैसा हो सका आम जन को लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोडी।
अध्यक्ष जी आज दिल्ली से अमेरिका जाना सस्ता हो गया है ..अरे मैं डंकी रूट की बात नहीं कर रही। लेकिन दिल्ली से प्रयागराज की कीमतें आसमान छू रही थी।
पल्लवी पटेल जी ने कहा “समता समरसता के तथाकथित संदेश से आगाज करने वाले इस आयोजन में UP की BJP सरकार इतनी निरंकुश हो गई कि VIP कल्चर ख़त्म करने की बात को भी हवा में उड़ा दिया।
इस वीआईपी कल्चर के चलते यह धार्मिक आयोजन भी वर्गीय विभेद के कारण अव्यवस्था भगदड़ की भेंट चढ़ गया। आमजन की आस्था और भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ हुआ वह निंदनीय मात्र नहीं बल्कि पाप है और इस पाप को स्वयं मां गंगा भी नहीं धो पाएंगी।पल्लवी पटेल जी ने कहा “आप कह रहे हैं कि विपक्ष धार्मिक आयोजन महाकुंभ पर राजनीति कर रहा है तो भैया आप क्या 22 जनवरी को पूरे मंत्रिमंडल परिषद को प्रयागराज में भजन कीर्तन करा रहे थे वह भी तो सरकारी बैठक थी ना। वास्तव में राजनीति आप कर रहे थे पूर्णतया राजनीति और उसमें भी पिछड़ों को पीछे ही छोड़ दिया था।
पल्लवी पटेल जी ने कहा राज्य सरकार के विकास के दावों पर बात करते हुए कहा “कहां और किसका विकास ?? असल में तथाकथित दौड़ती भागती विकास की ट्रेन जिसको पकड़ने के चक्कर में बहुत कुछ पीछे छूट गया , छूट गई आधी आबादी की सुरक्षा और साथ में नौजवानों की नौकरी का सपना , हमारे शब्दों की मर्यादा और अदब शायद इसलिए उर्दू जुबां को सदन की कार्यवाही में जोड़ने की मांग पर असंसदीय भाषा का प्रयोग हुआ। तो मेरा सवाल माननीय नेता सदन से है कि क्या उर्दू कोई इंपोर्टेड निर्यात की हुई भाषा है।
मुगल जब भारत आए तो क्या उर्दू को अपने साथ घोड़े पर पीछे बिठा के लाए थे?”
पल्लवी पटेल ने अभिभाषण पर बात करते हुए कहा कि- “महामहिम राज्यपाल ने हालांकि थोड़ा ही भाषण पढ़ा पर मैंने देखा उत्तर प्रदेश हर छोर पर प्रथम स्थान पर है मुझे अति प्रसन्नता हुई ,मन गदगद हुआ… लेकिन अगले पल समझ में आया कि उनकी क्या गलती। मैं मानती हूं राज्यपाल जी दूर से आई हैं इसलिए आप उन्हें कुछ भी पढ़वा देते हैं। मुझे बहुत बुरा लगता है जब अखबारों में देखती हूं NCW के आंकड़ों को देखें तो फर्स्ट है उत्तर प्रदेश महिलाओं के ऊपर हो रहे अपराधों में… फर्स्ट है उत्तर प्रदेश बाल यौन शोषण के मामलों में.. फर्स्ट है उतर प्रदेश बेरोजगारी में।
पल्लवी पटेल जी ने कुंभ पर षड्यंत्र के सवालों पर बात करते हुए कहा कि “कल प्रदेश के मुखिया ने कुंभ में हुई दुर्घटना पर षड्यंत्र की तरफ इशारा किया है माननीय नेता सदन कह रहे हैं उनके खिलाफ साजिश हो रही है। तो यह सवाल सिर्फ उनका नहीं है पूरे 25 करोड लोगों के माथे पर कलंक लगा है। यह सिर्फ सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र नहीं है यह समूचे उत्तर प्रदेश पूरे सदन चाहे पक्ष के लोग हों , चाहे विपक्ष के लोग हों .. यह पूरे उत्तर प्रदेश की गरिमा पर प्रहार है। कुंभ न सरकार का आयोजन है न भारतीय जनता पार्टी का आयोजन है कुंभ भारत की सांस्कृतिक विरासत है। भारतीय समाज के विभिन्न आध्यात्मिक विचारों का आयोजन है और उत्तर प्रदेश सदैव इस आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं की मेजबानी करता रहा है। और अंत में मैं सरकार से मांग करती हूं जो भी लोग इस षडयंत्र में शामिल हों उन लोगों के नाम सामने लाए जाएं उन्हें कठोरतम सजा दी जाए।