मिर्ज़ापुर: अडानी थर्मल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ नेशनल हॉकर्स फेडरेशन का विरोध, कहा– पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ेगा गंभीर असर
नेशनल हॉकर्स फेडरेशन ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, परियोजना को तत्काल निरस्त करने की अपील

- संवाददाता: चन्दन दुबे
मिर्ज़ापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर सदर तहसील क्षेत्र के ददरी खुर्द गांव में प्रस्तावित अडानी थर्मल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ अब नेशनल हॉकर्स फेडरेशन ने अपनी आवाज़ उठाई है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा और इस पावर प्रोजेक्ट को पर्यावरण और जनस्वास्थ्य विरोधी कदम करार दिया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रपति से इस परियोजना पर हस्तक्षेप की अपील की है।
ददरी खुर्द में अडानी कंपनी द्वारा प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट को लेकर पहले भी स्थानीय किसानों, ग्रामीणों और प्रभावित लोगों ने विरोध दर्ज कराया था। 11 अप्रैल को हुई गुपचुप जनसुनवाई पर सवाल उठाते हुए स्थानीय लोग इसे स्थानीय पर्यावरण और समाज के लिए खतरे की घंटी मानते हैं।
नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने इस परियोजना के प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे मिर्ज़ापुर के प्राकृतिक संतुलन पर गहरा असर पड़ेगा। उनका कहना था कि इस परियोजना से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व जैसे राख, कार्बन, सल्फर डाइऑक्साइड, और नाइट्रोजन ऑक्साइड वायुमंडल को विषैला बना देंगे, जिससे श्वसन संबंधित रोगों, जल स्रोतों के दूषित होने, कृषि भूमि के क्षरण, और वन्यजीवों की जान पर संकट आएगा।
इसके अलावा, मां विंध्यवासिनी धाम मार्ग, जो एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, भी इस परियोजना के प्रभाव से प्रभावित होगा। इससे स्थानीय पर्वों, मेलों और धार्मिक आयोजनों का वातावरण भी खराब हो सकता है।
फेडरेशन ने मांग की है कि इस थर्मल पावर प्रोजेक्ट की स्थापना को तुरंत रोका जाए और परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव का स्वतंत्र मूल्यांकन कराया जाए। उन्होंने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया और स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों, और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश कुमार तिवारी, मनीष सिंह, स्मृति गुप्ता, वेंकेटेश राय सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की।