मिर्जापुर में मीडिया सेल की मनमानी: निष्पक्ष पत्रकारों को किया जा रहा दरकिनार
मिर्जापुर पुलिस मीडिया सेल व सूचना विभाग की मनमानी: निष्पक्ष पत्रकारों से भेदभाव पक्षपात पूर्ण रवैया

मिर्जापुर: क्या निष्पक्ष पत्रकारिता करना अब अपराध बन गया है मिर्जापुर में इन दिनों एक अजीबो-गरीब खेल खेला जा रहा है, जिसमें सच्चाई की कलम को कुचलने की साजिशें रची जा रही हैं। पुलिस मीडिया सेल और सूचना विभाग का हाल देखिए—जो पत्रकार बेबाकी से सच लिखते हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, और जो दलाली में लिप्त हैं, वे सरकार व मीरजापुर के प्रशासन की गोद में बैठे हैं! लाड प्यार मिल रहा है उन्हें मीडिया सूचना ग्रुप में एड किया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि चार दशक पुराने समाचार पत्र में पत्रकारिता का धर्म निभाने वाले एक युवा पत्रकार को महज इसलिए सूचना समूहों से बाहर रखा जा रहा है क्योंकि उन पर निराधार आरोप लगे हैं । जिसका सबूत उनके पास मौजूद है जिसे वह दूध के दूध पानी का पानी करके दिखा सकते हैं । पर वहीं, दूसरी तरफ, मीडिया सेल और सूचना ग्रुप में ऐसे लोगों को भी जगह दी गई है, जिन पर कई मुकदमे दर्ज हैं चल रहे है उन्हें ग्रुप में जोड़कर रखा गया है उनके लिए नियम का वादे कानून सब बराबर है पर जो निष्पक्ष निर्भीक बात करें वह न जाने संविधान के किस एक्ट के तहत बिना दोष सिद्ध हुए दोषी हो जाते हैं। इस मामले में मज़े की बात तो यह भी है कि कुछ ऐसे भी लोग मीडिया सूचना ग्रुप से जुड़े है जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता ही नहीं! न जाने उनको कैसे सूचनार्थ दिया जा रहा है वही जिसने पत्रकारिता में अपने माता-पिता सारे रिश्तों को खो दिया केवल पत्रकारिता की गरिमा को जिंदा रखने के लिए उस शख्स के साथ मानसिक उत्पीड़न का खेल खेला जा रहा है। क्या संविधान के संवैधानिक दायरे का सदुपयोग किया जा रहा है सूचना विभाग और मीडिया सेल के द्वारा