लखनऊ: अखिलेश यादव का हमला – 20 साल की सरकार का दें हिसाब, जनता को नहीं मिला न्याय

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि दिल्ली और लखनऊ की सरकारें 20 साल के शासन का हिसाब जनता के सामने रखें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11 और उत्तर प्रदेश में 9 साल की सरकार को जोड़ दें तो कुल 20 साल का कार्यकाल बनता है, लेकिन इस लंबे शासन में आम जनता को क्या मिला, यह स्पष्ट नहीं है।
“संघर्ष ही जीवन का सार है”
अखिलेश यादव ने कहा, “लगातार आसमान को छूने के लिए संघर्ष करते रहना पड़ेगा, यही जीवन का सार है और यही रास्ता है।” उन्होंने सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली और लखनऊ के बीच कोई तालमेल दिखाई नहीं देता, योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर चल रही हैं।
गोद लिए गांव का हाल बेहाल
प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए गांवों की स्थिति पर भी अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, “अगर प्रधानमंत्री जी ने कोई गांव गोद लिया है और उसकी तस्वीर नहीं बदली, तो यह सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े करता है।”
बेरोजगारी और महंगाई चरम पर
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई और न्याय की कमी को लेकर भी अखिलेश ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आम लोग त्रस्त हैं और सरकार की प्राथमिकता सिर्फ प्रचार में सिमट कर रह गई है।
कौशांबी की घटना पर सवाल
राज्य के दो उपमुख्यमंत्रियों को लेकर अखिलेश ने कहा कि “दोनों उपमुख्यमंत्री किस बात का संघर्ष कर रहे हैं, यह किसी को नहीं पता। कौशांबी में जो घटना हुई, उसके लिए वही जिम्मेदार हैं।” उन्होंने मांग की कि पीड़ितों को न्याय दिलाना सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
अखिलेश यादव के इस बयान से प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी जनता के मुद्दों को लेकर आक्रामक रुख अपनाएगी।