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बीस साल बाद भूमि अधिग्रहण का नोटिस

किसानों को कहा बंटोगे तो लुटोगे – राकेश टिकैत का योगी मोदी सरकार पर सीधा हमला

  • रिपॉर्ट: चन्दन दुबे

मिर्जापुर:

मिर्जापुर में आवास विकास के नाम पर किसानों की जमीन अधिग्रहण का मामला:राकेश टिकैत ने सरकार को घेरा, बोले—लाठी और ट्रैक्टर लेकर तैयार हैं!

जिले के धौरूपुर के मिर्जापुर में आवास विकास प्राधिकरण परियोजना के तहत धौरूपुर, भरूहना और राजपुर-अर्जुनपुर के किसानों व भवन स्वामियों को जमीन अधिग्रहण के मामले में 20 साल बाद नोटिस मिली है, अधिग्रहण के नोटिस भेजे जाने से जबरदस्त आक्रोश फैल गया है जो मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर 28 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मिर्ज़ापुर पहुंचकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर किसानों की जमीन जबरन छीनी गई, तो हम लाठी और ट्रैक्टर लेकर मैदान में उतरेंगे।
लाठी से भैंस हांकना जानते हैं, जरूरत पड़ी तो खूँटे भी उखाड़ देंगे
राकेश टिकैत ने अपने चिर-परिचित अंदाज में हुंकार भरते हुए कहा,अगर सरकार ने जबरन किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की, तो हम लाठी से भैंस हांकने के साथ खूँटे उखाड़ना भी जानते हैं।”
उन्होंने मांग की कि भूमि अधिग्रहण तत्काल निरस्त किया जाए, या फिर किसानों को बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार किसानों की जमीनें छीनकर उन्हें उजाड़ने पर तुली है। पहले ही खेती-किसानी बदहाल है, और अब यह नया षड्यंत्र किया जा रहा है। हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।टिकैत ने किसानों को सतर्क रहने और आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार यदि बिना उचित मुआवजा और सहमति के किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की, तो किसान आंदोलन दोबारा सड़कों पर दिखाई देगा।

अवैध टोल प्लाजा और बुनियादी सुविधाओं का मुद्दा

टिकैत ने मिर्ज़ापुर में अवैध रूप से लगे टोल प्लाजा का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने अहरौरा में मात्र 16 किमी की दूरी पर चौथा अवैध टोल प्लाजा स्थापित किए जाने पर नाराज़गी जताई और कहा कि डीपीआर में इसका कोई जिक्र नहीं था, फिर इसे क्यों लगाया गया?
साथ ही गंगा नदी से पंप कैनाल लगाकर जरगो, अहरौरा और बाणसागर बांध को भरने की मांग भी उठाई गई, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।किसानों को सिंचाई का ट्रांसफार्मर और बिजली कनेक्शन अनुदान पर मिले, जो सरकार ने बंद कर दिया है।बिजली का निजीकरण नहीं किया जाए और 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए।60 वर्ष से ऊपर मजदूरों किसानों को 10000/ महीने पेंशन दिया जाए, मनरेगा मजदूरो को कम से कम 200 दिन का काम दिया जाए, खेती को मनरेगा से जोड़ा जाए।गंगा नदी से बाढ़ के प्रभावित किसानों को मुआवजा और फसल बीमा का लाभ दिया जाए।चुनार में स्थित पोस्टमार्टम हाउस (चीरघर) को पूर्व की भाँति चुनार में ही प्रारम्भ किया जाए।भूमि अधिग्रहण रद्द किया जाए या बाज़ार रेट के चार गुना मुआवजा दिया जाए।एमएसपी की गारंटी कानून लागू किया जाए।संपूर्ण कर्ज़ माफी की जाए।गन्ना किसानों को ₹500 प्रति कुंतल का रेट दिया जाए।

2047 तक किसानों की ज़मीन पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी
टिकैत ने मोदी सरकार के “2047 तक भारत विकसित” होने के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि “2047 तक किसान बर्बाद हो जाएंगे और उनकी ज़मीन पूंजीपतियों के हाथ चली जाएगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि देश में एक और क्रांति की ज़रूरत है, क्योंकि किसानों को लूटने की साजिश रची जा रही है।किसानों को जोड़ने के लिए टिकैत ने नया नारा दिया:
“बंटोगे तो लुटोगे!” उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को जाति, क्षेत्र और संगठनों के नाम पर बांटने की साजिश कर रही है, ताकि वे अपनी ताकत न समझें।
राकेश टिकैत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ़ कागज़ों में योजनाएं चला रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। उन्होंने साफ कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज़ होगा।
मिर्ज़ापुर में किसानों का यह उबाल बताता है कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष अभी और तेज़ होगा। अब देखना यह है कि सरकार किसानों की आवाज़ सुनेगी या फिर संघर्ष की नई लहर खड़ी होगी! मिर्जापुर के इस आंदोलन में किसान वर्ग के सभी नेता मौजूद रहे जहां सोनभद्र भदोही चंदौली वाराणसी जिले से किसान मिर्जापुर मुख्यालय पहुंचे। यह सारा कार्यक्रम मिर्जापुर जिला अध्यक्ष कंचन सिंह फौजी के नेतृत्व में हुआ, तो वही वीरेंद्र सिंह जिला महासचिव, अन्नदाता मंच के अध्यक्ष रमेश चौधरी, राजपाल शर्मा प्रदेश अध्यक्ष, अनुज सिंह युवा प्रदेश अध्यक्ष मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र जी के तहत तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे और राकेश टिकैत की अगवाई में जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सख्त होकर विरोधाभास प्रकट किया।

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