कपिल देव अग्रवाल ने किया साहित्य त्रिवेणी के बड़ा मंगल विशेषांक का विमोचन, बड़े मंगल पर पर्यावरण के अनुकूल, पॉलिथीन मुक्त भंडारा

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: गत वर्षों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल के अवसर पर अधीश पत्रकार मिलन की ओर से संगीतमय सुंदरकांड पाठ और भंडारा का आयोजन किया गया।
भंडारे मे स्वच्छता के साथ-साथ जल संरक्षण और पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा गया। भंडारे में पॉलिथीन का कहीं भी प्रयोग नहीं किया गया। पेड़ के पत्ते से बने दोना पत्तल का उपयोग किया गया।
इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मंगलमान अभियान* के तहत साहित्य त्रिवेणी पत्रिका के बड़ा मंगल विशेषांक का विमोचन किया।
पत्रिका के विमोचन में राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी, राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी, विवेक त्रिपाठी और सामाजिक समरसता विभाग के प्रांत प्रमुख राज किशोर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बृजनंदन राजू ने बताया कि यह पहली बार है जब बड़े मंगल के इतिहास में किसी पत्रिका ने इस पर्व को केंद्रित करते हुए एक विशेषांक प्रकाशित किया है।
ऐतिहासिक पहल: बड़ा मंगल विशेषांक
मंगलमान अभियान के संयोजक प्रो. रामकुमार तिवारी ने बताया कि यह विशेषांक बड़े मंगल की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्ता को रेखांकित करता है। उन्होंने पत्रिका के संपादक कवि वीर मार्तंड जी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “मार्तंड जी ने अभियान के आग्रह को सहर्ष स्वीकार कर इस विशेषांक को प्रकाशित किया, जो एक सराहनीय कदम है।”
साहित्य त्रिवेणी का यह विशेषांक बड़े मंगल की परंपरा को साहित्यिक और सामाजिक स्तर पर और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह, दर्जा प्राप्त मंत्री अशोक पाण्डेय, विश्व संवाद केंद्र के कार्यालय प्रमुख सनी सिंह, भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री अनुपम जी, सामाजिक सद्भाव प्रमुख राजेंद्र जी, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे,मुख्यमंत्री के ओएसडी संजीव सिंह, पूर्व कमिश्नर दिनेश सिंह, प्रांत के विशेष संपर्क प्रमुख प्रशांत भाटिया, गौ सेवा गतिविधि के प्रांत प्रमुख सर्वजीत जी, विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख डॉ. उमेश, दिलीप शुक्ला, दीपक यादव, विवेक राय चौधरी, गणेश ताम्रकार, नानक चंद लखमानी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।