इज़राइल-ईरान तनाव के बीच भारतीय श्रमिकों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर भारत सतर्क, सरकार ने दिया भरोसा

नई दिल्ली/लखनऊ: पश्चिम एशिया में इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है। इज़राइल में काम कर रहे भारतीय श्रमिकों के परिजनों की चिंता को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने बयान जारी कर कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो श्रमिकों को सुरक्षित भारत लाया जाएगा।
“इज़राइल में श्रमिक युद्ध क्षेत्र से दूर हैं” – अनिल राजभर
अनिल राजभर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा,
“इज़राइल में जहां हमारे श्रमिक काम करते हैं, वह इलाका युद्ध क्षेत्र से काफी दूर है। फिलहाल किसी तरह की घबराने की जरूरत नहीं है। हमारी नजर बनी हुई है। अगर कभी श्रमिकों की जान को खतरा महसूस होता है, तो उन्हें भारत लाने के लिए सभी विकल्पों पर काम किया जाएगा।”
ईरान से 110 भारतीयों की वतन वापसी, छात्रों ने सुनाई आपबीती
तनाव के बीच ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत गुरुवार को ईरान से 110 भारतीयों को सुरक्षित निकाल कर दिल्ली लाया गया, जिनमें जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र भी शामिल हैं।
दिल्ली पहुंचने के बाद छात्रों ने बताया,
“स्थिति बेहद भयावह थी। हमने ड्रोन देखे, घायल लोग देखे, इंटरनेट बंद था, लेकिन भारत सरकार ने हमें सुरक्षित निकाला। हम गर्व से कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं।”
इन छात्रों को ईरान से सड़क मार्ग के ज़रिए अर्मेनिया की राजधानी येरेवन लाया गया और वहां से विशेष उड़ान के माध्यम से दिल्ली लाया गया। विदेश मंत्रालय ने अब भी तेहरान में भारतीय दूतावास और नई दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष के साथ लगातार संपर्क में रहने की सलाह दी है।
कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर सरकार सतर्क, अफवाहों पर विराम
इज़राइल-ईरान संघर्ष को देखते हुए कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका थी। इस पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि,
“भारत में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है। देश के पास पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। हमारे कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब बढ़कर 40 हो चुकी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत खुद भी कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा रहा है, इसलिए फिलहाल किसी संकट की स्थिति नहीं है।
वैश्विक आपूर्ति पर ईरान-इज़राइल तनाव का असर संभव
एमके ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन करीब 3.3 मिलियन बैरल कच्चा तेल उत्पादन करता है और उसमें से 1.5 मिलियन बैरल निर्यात करता है। साथ ही, यह दुनिया के सबसे अहम तेल मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य के उत्तरी तट पर स्थित है, जिससे वैश्विक तेल व्यापार पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
निष्कर्ष: भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। चाहे बात विदेशों में फंसे श्रमिकों की हो या छात्रों की, हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है और ज़रूरत पड़ने पर त्वरित कदम उठाए जाएंगे।