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हनीमून पर गए युवक की हत्या, पत्नी ने रची थी साजिश; यूपी में किया आत्मसमर्पण, तीन आरोपी गिरफ्तार

गाज़ीपुर/शिलांग। मेघालय में हनीमून पर गए मध्य प्रदेश निवासी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस हत्या की साजिश खुद उसकी पत्नी सोनम ने रची थी, जिसने उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के नंदगंज थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने मामले में तीन अन्य हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक और की तलाश जारी है।

मेघालय पुलिस महानिदेशक (DGP) एल.आर. नॉन्गरंग ने बताया कि सोनम को यूपी के नंदगंज थाने में आत्मसमर्पण करने के बाद हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा दो आरोपियों को इंदौर से और एक को यूपी से पकड़ा गया है। जांच में यह भी सामने आया कि सोनम ने ही पति की हत्या के लिए इन लोगों को सुपारी दी थी।

राजा रघुवंशी और उसकी पत्नी 23 मई को मेघालय के सोहरा इलाके में घूमने गए थे। इसके बाद दोनों लापता हो गए। 2 जून को राजा का शव एक गहरे खड्ड में मिला, जबकि सोनम की तलाश जारी थी।

उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने जानकारी दी कि 24 वर्षीय सोनम रघुवंशी को वाराणसी-गाज़ीपुर मुख्य मार्ग पर स्थित काशी ढाबा से बरामद किया गया। उसे प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया और फिर ‘वन स्टॉप सेंटर’ में रखा गया।

वन स्टॉप सेंटर संकट में फंसी महिलाओं को सुरक्षा और सहायता प्रदान करता है।

पुलिस को घटनास्थल के पास से राजा की अंगूठी और चेन गायब मिली थी, जिससे हत्या की आशंका और गहराई। बाद में वहां से खून से सना हुआ धारदार हथियार और दंपती के सामान से मिलता-जुलता रेनकोट भी बरामद हुआ।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने ट्वीट कर कहा, “केवल 7 दिनों में इस हाई प्रोफाइल केस में #MeghalayaPolice ने बड़ा खुलासा किया है। तीन हत्यारे गिरफ्तार किए गए हैं, एक महिला ने आत्मसमर्पण किया है, और एक अन्य की तलाश जारी है।”

राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी और वे 20 मई को मेघालय घूमने निकले थे। 22 मई को उन्होंने मावलाखियात गांव में एक स्कूटर किराए पर लिया और अगले दिन 23 मई को तीन अज्ञात युवकों के साथ अंतिम बार देखे गए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सीबीआई जांच की मांग की है।

सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा, “मेरी बेटी का अपहरण हुआ है, और वह अब भी आरोपियों के चंगुल में है। पुलिस ने लापरवाही बरती है। अगर समय पर सेना लगाई जाती, तो वे जिंदा मिल सकते थे।”

इस मामले की जांच के लिए मेघालय पुलिस ने एसपी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है, जिसमें चार डीएसपी भी शामिल हैं।

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