वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

लखनऊ: माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा 10 सेक्टर यथा-कृषि एवं संवर्गीय सेवाएँ, अवस्थापना, उद्योग, आई०टी० एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, नगर विकास, वित्तीय सेवायें, ऊर्जा, पूँजी निवेश आदि चिन्हित करते हुये सेक्टरवार कार्ययोजना तैयार की गई है।
● प्रदेश सरकार के सम्बन्धित विभागों द्वारा सेक्टरवार कार्य योजना पर कार्य चल रहा है जिसकी समीक्षा नियमित रूप से की जा रही है।
● सुचारू नीति कार्यान्वयन, व्यापार को आसान बनाने, ईज ऑफ यूइंग बिजनेस तथा निवेश आकर्षित करने के लिये सत्त विकास के कार्य के प्रति समर्पण भाव से प्रदेश के समस्त अंचलों में संतुलित निवेश का समग्र प्रवाह एवं नागरिकों के जीवन उन्नयन के लिये दीर्घकालिक मूल्यों एवं व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया है।
● हमारी सरकार राज्य को एक मुख्य निवेश केन्द्र तथा देश के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन को कार्यान्वित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
● जिस तरह से माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा एक तपोनिष्ठ कर्मयोगी के समान अहर्निश प्रदेश के विकास के लिये कार्य किया गया है।
● हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षण, औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है तथा प्रदेश भारत में सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है।
● राज्य सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं का त्वरित विकास किया गया है।
● कई निवेशोन्मुख नीतियां घोषित की गई है तथा कारोबारी माहौल में अभूतपूर्व सुधार किया गया है, जिससे प्रदेश की छवि आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य से परिवर्तित होकर एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित हुई है।
● विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
● राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों एवं मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपना माल भारत एवं विदेशों के बाजारों में भेजने के लिये परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच निर्बाध रूप से स्विच करने की सुविधा प्रदान करेगी।
● कानून व्यवस्था तथा विद्युत आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार, सक्रिय नीतिगत निरूपण एवं इन्वेस्ट यू०पी० में निवेश सारथी, निवेश मित्र तथा ऑनलाइन प्रोत्साहन लाभ प्रबंधन प्रणाली जैसी डिजिटल सुविधाओं से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है तथा राज्य में व्यापार करने के लिये अनुकूल वातावरण सृजित हुआ है।
● नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2022-2023 तक की अवधि के लिये राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है, जिसमें उत्तर प्रदेश को अग्रणी (फंट रनर) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
● समेकित “फिस्कल हेल्थ इन्डेक्स” जो वर्ष 2014 से 2019 की अवधि में 37.0 था, 2022-2023 में बढ़कर 45.9 हो गया है।
● रिपोर्ट के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2018 से 2023 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।
● इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
● सामाजिक क्षेत्र में पूँजीगत व्यय में 27 प्रतिशत तथा राजस्व व्यय में 9 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हुई। इसी प्रकार, आर्थिक सेवाओं के अन्तर्गत भी पूँजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि परिलक्षित हुई।
● वित्तीय वर्ष 2018-2019 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर व्यथ कुल व्यय का 4.9 प्रतिशत था जो वर्ष 2022-2023 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक था।
● प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा है।
● राजस्व बचत तथा प्राथमिक बचत के कारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में ऋणग्रस्तता में कमी दर्ज की गयी।
● भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्यों के बजट के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिन्दु में इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा।
● देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में क्रमशः 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत एवं 11.6 प्रतिशत रहा जो महाराष्ट्र के उपरान्त देश में सर्वाधिक है।
● उक्त वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्तियों के सापेक्ष ब्याज पर व्यय क्रमशः 12.6, 12.3 एवं 12.1 प्रतिशत रहा जबकि उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत 10.3, 9.4 एवं 8.9 रहा।
● सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सभी राज्यों की स्वयं के कर से प्राप्ति का औसत उक्त वर्षों में क्रमशः 6.5, 7.0 तथा 7.2 प्रतिशत रहा, जब कि उत्तर प्रदेश में यह अनुपात क्रमशः 7.6, 9.8 तथा 10 प्रतिशत रहा।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
● आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं।
● आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
● प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है।
● वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है।
● उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है।
● प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पी०पी०पी० मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
● प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पी०पी०पी० मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सी०टी० स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।
आयुष
● प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, 02 यूनानी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा 09 होम्योपैथिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय संचालित हैं।
● वित्तीय वर्ष 2025-2026 में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना कराया जाना लक्षित है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
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● प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.67 करोड ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
● उक्त लक्ष्य के सापेक्ष 2.34 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन उपलब्ध कराया जा चुका है।
● पीने का पानी घर में उपलब्ध होने का महत्व वहीं समझ सकता है जिसके पास यह सुविधा नहीं हो और जिसके घर की महिलाओं, बच्चों को पीने के पानी के लिये दूर-दराज से पानी भरकर लाने के लिये रोज घर से निकलना पड़ता हो।
● घरों में नल से पानी उपलब्ध होने से इन परिवारों को बहुत बड़ी राहत मिली है-
कोई ना हो उदास तो समझो बसन्त है
हर घर में हो उल्लास तो समझो बसन्त है
जो कंठ तरसते रहे पानी को हमेशा
बुझ जाये उनकी प्यास तो समझो बसन्त है।
● गंगा को प्रदूषण से मुक्त बनाये रखने एवं उसमें दूषित जल का उत्प्रवाह रोकने के लिये सीवरेज संबंधी कुल 67 परियोजनाएं स्वीकृत हुई है, जिनकी कुल स्वीकृत लागत 14,823 करोड़ रूपये है।
● वर्तमान तक 39 परियोजनाएं पूर्ण कर संचालित की जा रही है तथा शेष परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
● जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिये सामुदायिक अंशदान हेतु 4500 करोड़ रुपये तथा जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत अनुरक्षण एवं संचालन हेतु करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
● मध्य गंगा नहर परियोजन स्टेज-2, कनहर सिंचाई परियोजना, महाराजगंज में रोहिन नदी बैराज के पूर्ण होने पर 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित होगी जिससे 6.77 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।
● विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण, 2100 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
● इन कार्यों से लगभग 238 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी तथा लगभग 2.12 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के 1750 असफल नलकूपों के पुनर्निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● डार्क जोन के असफल 569 नलकूपों के लिये लगभग 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
● प्रदेश सरकार द्वारा 1551 बाढ़ परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 32.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सुरक्षित हुआ है तथा करोड़ों की आबादी लाभान्वित हुई है।
सड़क एवं सेतु
● प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक का प्रदेश सरकार के लक्ष्य के दृष्टिगत प्रदेश में नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विकास हेतु मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण/निर्माण की योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में सेतुओं एवं रेल उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु कुल 1450 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण कार्यों हेतु 2900 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण हेतु 2700 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।
● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिये 1600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● शहर वासियों के आवागमन को सुगम बनाने के दृष्टिगत शहरों के बाईपास एवं रिंगरोड तथा चौराहों पर फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण/निर्माण कार्य हेतु 800 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री ग्राम योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण पुनर्निर्माण / मिसिंग लिंक के निर्माण हेतु नई योजना प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के सुधार, रोड सेफ्टी कार्यों एवं सौन्दयीकरण हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
कानून व्यवस्था
● किसी भी समाज के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिये सुदृढ़ कानून व्यवस्था का होना पहली शर्त है।
● जब हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कार्यभार सम्भाला था उस समय प्रदेश किस प्रकार की विषम कानून व्यवस्था और गुण्डाराज की गिरफ्त में था यह सभी को मालूम है।
● हमारे तेजस्वी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्ग निर्देशन में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनाते हुये गुण्डों, माफियाओं और हर अपराध पेशा लोगों के विरूद्ध अभियान चला कर कार्यवाही की गयी।
कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें।
लहर-लहर तूफान मिले और संग-संग मझधार हमें।
फिर भी दिखलाया है हमने और आगे दिखा भी देंगे।
इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें ।।
● अभियोजन की प्रक्रिया को सुदृढ बनाते हुये अपराधियों को विभिन्न न्यायालयों से सजा दिलाई गई।
● वर्ष 2017 से दिसम्बर 2024 तक प्रदेश के चिन्हित 68 माफिया अपराधियों के विचाराधीन अभियोगों में प्रभावी पैरवी कर 73 अभियोगों में 31 माफिया अपराधियों को आजीवन कारावास/कारावास व अर्थदण्ड की सजा से दण्डित कराया गया है, जिसमें 02 को फांसी की सजा हुई है।
● महिलाओं एवं नाबालिगों के विरूद्ध हुए अपराधों में 27,425 अभियोगों, पॉस्को अधिनियम के 11,254 अभियोगों एवं दहेज हत्या की 3,775 अभियोगों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी।
● साइबर अपराध में प्रयुक्त 13,83,232 मोबाइल नम्बर ब्लॉक कराये गये। (देश में प्रथम स्थान)।
● वर्ष 2017 से दिनांक 31.12.2024 तक कुल पंजीकृत 77,210 अभियोगों के सापेक्ष में 66,475 अभियोगों का निस्तारण कर 43,202 अभियुक्तगणों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए रू0 320.89 करोड़ की धनराशि बरामद की गयी।
● अपराधों पर अंकुश लगाये जाने की प्रभावी कार्यवाही के तहत दिनाँक 20 मार्च, 2017 से 23 जनवरी, 2025 तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों के दुर्दान्त अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही के दौरान कुल 221 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये एवं 8022 घायल हुये।
● वर्ष 2017 से पूर्व उ०प्र० मे मात्र 04 विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित थीं। वर्ष 2017 के पश्चात 08 नये जनपद मण्डल में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गयी।
● जनपद अयोध्या, बस्ती, बाँदा, आजमगढ़, मीरजापुर एवं सहारनपुर में 06 नयी विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना का कार्य प्रचलित है।
कारागार प्रशासन
● प्रदेश की 74 कारागारों एवं जनपद न्यायालयों में संचालित वीडियो कान्फेन्सिंग इकाईयों से बन्दियों की रिमाण्ड की कार्यवाही हो रही है।
● कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु लगभग 4800 सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित है, जिनकी फीड प्राप्त किये जाने हेतु मुख्यालय में वीडियो वॉल स्थापित है।
● 24 कारागारों में 3 जी क्षमता के 271 मोबाइल फोन जैमर स्थापित है।