स्वास्थ्य शासन की प्राथमिकताओं में हैं : मुख्य चिकित्सा अधिकारी
प्रदेश सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम जिसमे महापौर भी हुई शामिल

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: प्रदेश सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम। विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के लगाए गए स्टाल। दो दिनों में कुल 1090 लोगों ने लिया स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ। प्रदेश सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय आयोजन शुरू हुआ था। इसी क्रम में बुधवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कार्यक्रम “स्वास्थ्य विभाग के नए आयाम ” आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए शहर की महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि धरती पर डाक्टर और नर्स भगवान हैं । मरीज को उतना फायदा इंजेक्शन और दवा से नहीं होता है जितना फायदा मृदु भाषा और अच्छे व्यवहार से होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सहित सभी योजनाओं को समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा ने कहा कि योगी सरकार के नेतृत्व में आठ साल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं। जनपद में जिला स्वास्थ्य समिति, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीम स्वास्थ्य सेवाएं को लगातार बेहतर करने का प्रयास कर रही हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन. बी. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य शासन की प्राथमिकताओं में है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, ई वाउचर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य को लेकर कई नई योजनाएं चला रही है , चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की लगातार नियुक्ति की जा रही है ।पीएचसी और स्वास्थ्य उपकेंद्रों को सुदृढ़ कर आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए हैं जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति की गई है और यहां पर 14 महत्वपूर्ण जांचें की जाती हैं। गैर संचारी रोगों, हृदय रोग, डायबिटीज आदि की स्क्रीनिंग के साथ टेलीकंसल्टेशन की सेवा भी मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक जनपद में 27,000 गर्भवतियों को ई वाउचर निर्गत किए गए हैं ।
जनपद में कुल 95,00,000 से अधिक कोविड के टीके लगाए गए । एक दिन में 1. 85 लाख से अधिक टीके लगाने का भी रिकॉर्ड है । इसके साथ ही कोविड की 76.00 लाख से अधिक जांचें की गईं।
उन्होंने बताया कि जनपद में 70 साल से अधिक आयु के लगभग 30,000 बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बने हैं जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में अब तक लगभग 9.00 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं । जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध 52 सरकारी एवं 270 निजी अस्पतालों द्वारा अब तक लगभग 4.00 लाख लाभार्थियों को 608 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
इस मौके पर विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य के मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू)के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि प्रधानमंत्री ने टीबी उन्मूलन का लक्ष्य साल 2025 तय किया है । उन्होंने उपस्थित लोगों से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान से जुड़कर टीबी उन्मूलन में सहयोग करने का आह्वान किया ।
उन्होंने 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के बारे में बताया कि यह अभियान 15 जनपदों में सात दिसंबर 2024 से तथा अन्य 60 जनपदों में एक जनवरी 2025 से चल रहा है । विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर देश की राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए सम्मानित किया गया |
केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाली मौतों के बारे में बताया कि भारत में रोड एक्सीडेंट से हर साल लगभग 1.5 लाख मौतें होती हैं । इससे तीन गुना ज्यादा लोग स्थाई दिव्यांगता के शिकार होते हैं ।अस्सी फीसद मौतों को रोका जा सकता है । उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के कारण और बचाव को लेकर विस्तार से जानकारी दी। हेलमेट का उपयोग 45 फीसद एवं सीट बेल्ट का उपयोग 60 फीसद मौतों और गंभीर दुर्घटनाओं को कम करता है।
इस अवसर पर डॉ. मोहित सिंह संयुक्त निदेशक आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने बताया कि जनपद आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट बनाने(आभा), हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री तथा हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री बनाने जनपद पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है । एबीडीएम के तहत पूरे देश में 100 माइक्रो साइट बनाई गईं हैं जिनके लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं । लखनऊ पहला माइक्रोसाइट है जो कि अपने लक्ष्य को पूरा कर पाया है।
केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि केजीएमयू एशिया का और गरीबों का सबसे बड़ा अस्पताल है ।सरकार द्वारा अस्पताल में नौ योजनाएं चल रही हैं । मरीज सेवा ही परम सेवा है।
डॉ. आनंद त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त चिकित्सालय चंदन नगर ने जीवन शैली के बारे में बताया कि सुबह से शाम तक की दिनचर्या ही जीवन शैली है। वर्तमान की जीवन शैली के कारण शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रसित हो रहे हैं । देश में 10 फीसद लोग हाईपरटेंशन और 20 फीसद लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं । नियमित व्यायाम, योगा, ध्यान करने, संतुलित भोजन के सेवन से तथा ऐल्कोहॉल और धूम्रपान का सेवन न करने से हम इन गैर संचारी रोगों से बच सकते हैं । फास्ट फूड का सेवन कम से कम करें । दिन में दो से पांच ग्राम नाम का सेवन करना चाहिए।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत के लाभार्थी राजीव कुमार और उमाशंकर यादव ने अपने अनुभव साझा किए।
इस मौके पर बाल राग, महिला रोग, नाक कान गला रोग, आयुर्वेद, होम्योपैथिक, सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के स्टाल भी लगाए गए हैं । जिनमें विशेषज्ञों द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं । इसके माध्यम से कुल 1090 लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। कार्यक्रम के पहले दिन यानि मंगलवार को 303 लोगों और बुधवार को 787 लोगों ने स्वास्थ्य सेवाएं लीं।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम. एस. सिद्दीकी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. सिंघल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.पी.सिंह, डॉ. के. डी मिश्रा, डॉ. निशांत निर्वाण, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. विनय सिंह, डॉ. ज्योति कामले, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राएं, संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के प्रतिनिधि मौजूद रहे।