योगीराज में गुंडागर्दी का खेल, मिर्जापुर का प्रशासन पूरी तरह फेल! कानून सिर्फ गरीबों के लिए, दबंगों के लिए खुली छूट
दबंगों का राज, न्याय के लिए तरसती विधवा – प्रशासन बना गांधी जी का बंदर अंधा गूंगा बहरा

- रिपोर्ट: चन्दन दुबे
मिर्जापुर: योगी सरकार के ‘अपराध मुक्त प्रदेश’ के दावे मिर्जापुर में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। कटरा कोतवाली क्षेत्र में दबंगों ने एक विधवा महिला को उसके ही घर से बेदखल कर दिया, और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।
कानून की किताब में दबंगों के लिए अलग नियम
पीड़ित भारती देवी का आरोप है कि उसके चचेरे भाई शंकर लाल गुप्ता, दामाद महेंद्र राणा और उनके परिजनों ने उसकी करोड़ों की संपत्ति हड़प ली। हैरानी की बात यह है कि बिना किसी कानूनी दस्तावेज के दबंगों ने घर पर कब्जा कर लिया, पीड़िता के कमरे में ताला डाल दिया, और जब उसने विरोध किया तो उसे ही फर्जी मुकदमों में फंसा दिया गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दबंग महेंद्र राणा व उसका ससुर इस साजिशों का मास्टरमाइंड है, जो कानूनी दांव-पेंच खेलकर लोगों को फंसाने में माहिर है। जिससे उसकी रणनीति साफ है – जहां व अपनी बीबी, बेटी को आगे कर छेड़खानी और झूठे मुकदमे दर्ज करने में माहिर है, ताकि कोई महिला के पक्ष में खड़ा न हो सके।
प्रशासन की चुप्पी – मिलीभगत या नाकामी
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार अपराध और अराजकता पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, तो फिर इस मामले में पुलिस-प्रशासन की सुस्ती क्यों क्या दबंगों की पहुंच इतनी ऊंची है कि प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने से डरता है।
योगी सरकार के ‘रामराज्य’ में बेदखल होती विधवा
अगर कोई गरीब ठेले वाला सड़क पर आ जाए, तो प्रशासन की लाठी तुरंत चलती है, लेकिन जब दबंग एक बेसहारा विधवा की संपत्ति हड़प लेते हैं, तो प्रशासन कान में तेल डालकर बैठ जाता है।
क्या योगी सरकार इस मामले में लेगी संज्ञान
अब देखना होगा कि क्या मिर्जापुर प्रशासन पीड़िता को न्याय दिलाएगा या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
सवाल यह भी है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर ध्यान देंगे या फिर ‘सब चंगा सी’ का खेल चलता रहेगा।