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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का केंद्रीय बजट 2025-26: विपक्ष ने जताई निराशा, कई मुद्दों पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में मध्यम वर्ग के नौकरी पेशा लोगों को इनकम टैक्स में बड़ी राहत देने के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस ‘जीवाईएएन’ यानी गरीब, युवाओं, अन्नदाताओं और महिलाओं पर होगा। हालांकि, विपक्ष ने इस बजट पर अपनी असंतुष्टि व्यक्त की है और कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए हैं।

TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा:
“बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए वहां के लिए विशेष बजट पेश किया गया है। पिछले साल भी आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए कई योजनाएं दी गईं, जबकि बंगाल को कोई लाभ नहीं मिला। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।”

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा:
“बजट में मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग, गरीबों और किसानों के लिए कोई योजना नहीं है। आधारभूत संरचना में कोई उल्लेख नहीं है, जिससे रोजगार सृजन हो सके।”

समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा:
“बजट में कोई नई बात नहीं थी। समाजवादी पार्टी की मांग है कि महाकुंभ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े जारी किए जाएं और यह स्पष्ट किया जाए कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।”

कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा:
“इस बजट में किसी वर्ग को कुछ नहीं मिला। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का नाम तक नहीं लिया गया। किसानों की MSP की बात नहीं हुई, जबकि वे धरने पर बैठे हैं। यह देश को डुबोने वाला बजट है।”

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा:
“हमारे किसानों को उनकी MSP नहीं दी गई, जो वे चाहते थे। परमाणु ऊर्जा पर बात की जा रही है, लेकिन हरियाणा में स्थित परमाणु संयंत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बिहार और दिल्ली में चुनाव को देखते हुए यह बजट पेश किया गया है, जबकि हरियाणा को कोई लाभ नहीं मिला।”

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा:
“यह समझ में नहीं आता कि यह भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का। पूरे बजट में बिहार के अलावा किसी और राज्य का उल्लेख तक नहीं किया गया। यह बेहद दुखद है कि सरकार बिहार के विकास के लिए तो काम कर रही है, लेकिन बाकी देश के हिस्सों को नजरअंदाज किया जा रहा है।”

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा:
“यह वही पुराना बजट है, जिसे हम पिछले 10 वर्षों से सुनते आ रहे हैं। इसमें न तो गरीबों, किसानों, और न ही मध्यम वर्ग को कोई फायदा हुआ है। यह सरकार का पुराना तरीका है, जहां वह कुछ दिखाती है और फिर विस्तार से देखने पर पता चलता है कि कुछ भी नहीं मिला।”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा:
“हमारे लिए आज बजट से ज्यादा महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। जो सरकार महाकुंभ में हुए हादसे के आंकड़े नहीं दे सकी, वही सरकार अब बजट पेश कर रही है। यह सरकार झूठी है, जो महाकुंभ का आयोजन सही ढंग से नहीं कर सकती, उसका हर आंकड़ा झूठा है।”

केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर विपक्ष की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि कई विपक्षी दल इस बजट में अपने राज्यों और वर्गों के लिए पर्याप्त समर्थन की उम्मीद नहीं देख पा रहे हैं।

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