बिजली निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश में गरजे बिजली कर्मचारी — 02 जुलाई को एक लाख कर्मी करेंगे प्रदर्शन, जेल भरो आंदोलन की तैयारी तेज

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
प्रेस विज्ञप्ति: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश — 01 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ पिछले सात महीनों से जारी आंदोलन अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। इस मुद्दे पर अब देशभर के बिजली कर्मचारी एकजुट हो गए हैं।
🔥 02 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
02 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में देशभर के सभी जनपदों और परियोजना स्थलों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में एक लाख से अधिक बिजली कर्मी सड़कों पर उतरेंगे, जबकि कानपुर, केस्को और पनकी ताप बिजलीघर में आम सभाएं आयोजित कर जेल भरो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है।
✊ राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर इस प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान देश के 27 लाख बिजली कर्मचारियों से किया गया है।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर. के. त्रिवेदी, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सुदीप दत्ता, और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने केंद्र व राज्य सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
⚠️ आंदोलन और हड़ताल की चेतावनी
यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, तो सभी बिजली कर्मी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के साथ जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे।
इसके साथ ही, 09 जुलाई को एक दिन की सांकेतिक राष्ट्रव्यापी हड़ताल की भी घोषणा की गई है, जिसकी प्रमुख मांग निजीकरण के फैसले को रद्द कराना है।
🏙️ प्रदेशभर में विरोध सभाएं
01 जुलाई को उत्तर प्रदेश के वाराणसी, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, झांसी, अलीगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, ओबरा, पनकी, अनपरा सहित कुल 30 से अधिक ज़िलों में विरोध सभाएं आयोजित की गईं।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बिजली कर्मियों के आंदोलन को दबाने की कोशिश की गई, तो यह लड़ाई देशव्यापी उग्र आंदोलन का रूप ले लेगी।
📞 संपर्क: शैलेन्द्र दुबे, संयोजक – 9425006225
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