DM लखनऊ विशाख जी बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम को लेकर गंभीर, कलेक्ट्रेट सभागार में की समीक्षा बैठक

रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ, 30 मई 2025 — राजधानी में बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से जिलाधिकारी विशाख जी. ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में ज़िला प्रशासन, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जिलाधिकारी ने टास्क फोर्स की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अभियान को तेजी से और प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के खंड शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल चलो अभियान के तहत रेस्क्यू किए गए बच्चों का तुरंत नामांकन स्कूलों में कराया जाए।
चौराहों पर निगरानी, स्कूल नामांकन की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों पर
बैठक में यह तय हुआ कि निगरानी टीमों में अब खंड शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि जैसे ही कोई बच्चा चौराहों या सार्वजनिक स्थलों से रेस्क्यू किया जाए, उसका तत्काल स्कूल में नामांकन सुनिश्चित किया जा सके। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आगामी समीक्षा बैठकों में यह देखा जाएगा कि रेस्क्यू के सापेक्ष कितने बच्चों का नामांकन हुआ है।
चिन्हित बस्तियों में भी होगा नामांकन अभियान
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि टेल्को, टेढ़ी पुलिया, लोहिया पुल, मधुरिमा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, सदर पुल, पकरी पुल, आलमबाग बस अड्डा और माती ग्राम की बस्तियों में सर्वे किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इन बस्तियों में स्कूल न जाने वाले बच्चों का नामांकन प्राथमिकता से कराया जाए।
अपना घर आश्रम के सहयोग से रेस्क्यू अभियान की तैयारी
जून के पहले सप्ताह से लखनऊ शहर में सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाले आश्रयहीन और असहाय व्यक्तियों के पुनर्वासन के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान को “अपना घर आश्रम” संस्था के सहयोग से चलाया जाएगा। रेस्क्यू किए गए लोगों को आवश्यकता अनुसार चिकित्सालय में इलाज और शेल्टर होम में आश्रय दिलाया जाएगा।
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने लिया भाग
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, एसीपी, नगर मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष, एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी, चाइल्ड हेल्पलाइन, और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी को निर्देशित किया गया कि अभियान से जुड़ी सभी तैयारियां समय से पूरी की जाएं।
यह प्रयास राजधानी लखनऊ को बाल भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने और हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।