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विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान: “हमारी सरकार में भाषाओं को मिल रहा सम्मान”

  • रिपोर्ट: ज्ञानेश वर्मा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन की कार्यवाही में हिंदी, अवधी, भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान देने का समर्थन किया। सदन की कार्यवाही के दौरान, जब विधानसभा अध्यक्ष ने इन भाषाओं को सदन का हिस्सा बनाने का प्रयास किया, तो सदस्य माताप्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी को कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताई। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने जोरदार बयान दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान:
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों—ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियों का गठन कर रही है। ये सभी हिंदी की उपभाषाएँ हैं, यानी हिंदी की बेटियाँ हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “यह सदन सिर्फ साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों का नहीं है। इस सदन में विभिन्न समाज और तबके से सदस्य आए हैं, और हम चाहते हैं कि अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज भी सदन में सुनाई दे। अगर कोई हिंदी में असमर्थ है, तो अवधी, बुंदेलखंडी, भोजपुरी में भी वह बोल सकता है।”

समाजवादियों के दोहरे चरित्र पर तंज
मुख्यमंत्री ने समाजवादियों पर तंज कसते हुए कहा, “समाजवादी अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजते हैं, जबकि दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालयों में पढ़ने को कहते हैं। यह दोहरा चरित्र है। यही कारण है कि आपने कल अवधी, भोजपुरी, बुंदेली भाषा का विरोध किया।”

उन्होंने यह भी कहा, “हम इन बोलियों को सदन में सम्मान मिलने के लिए अभिनंदन करते हैं। हमने इनके लिए अकादमियों का गठन किया है। आज दुनिया में, जैसे मॉरीशस और फिजी में अवधी बोलने वाले भारतीय प्रवासी हैं, यही अवधी भाषाई लोग हैं।”

“हम हर अच्छे कार्य का समर्थन करते हैं”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इन भाषाओं को सदन की कार्यवाही में शामिल करने का समर्थन करती है, और “आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि, “आप अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाएंगे और दूसरों को उर्दू पढ़ाने की सलाह देंगे। यह ठीक नहीं है, हमें कठमुल्ला और मौलवी नहीं बनाना है।”

मुख्यमंत्री ने इस बयान के जरिए हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के सम्मान में अपनी सरकार के फैसलों का बचाव किया और विपक्ष के रवैये पर तीखा प्रहार किया।

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