दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियां: जानिए कैसे दुनियाभर में फैले रहते हैं ये जासूस

दुनिया के लगभग हर देश के पास अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक खुफिया एजेंसी होती है। ये एजेंसियां न सिर्फ बाहरी खतरों पर नजर रखती हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर विदेशी धरती पर ऑपरेशन भी अंजाम देती हैं। इनकी गुप्त गतिविधियों ने कई बार अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी हैं। आइए जानते हैं दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक और प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों के बारे में:
1. CIA (अमेरिका)
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (CIA) को दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसियों में गिना जाता है। इसकी शुरुआत 1941 में ऑफिस ऑफ द कोऑर्डिनेटर ऑफ इन्फॉर्मेशन (COI) के रूप में हुई थी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे 1947 में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत CIA का रूप दिया गया। यह एजेंसी दुनिया भर में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और गोपनीय ऑपरेशनों के लिए जानी जाती है।
2. मोसाद (इज़राइल)
मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता है। इसकी स्थापना 13 दिसंबर 1949 को हुई थी। यह एजेंसी अपने दुश्मनों को दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढकर खत्म करने के लिए कुख्यात है। इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मोसाद की भूमिका अत्यंत अहम मानी जाती है।
3. RAW (भारत)
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद, 1968 में इसकी स्थापना की गई थी क्योंकि उस समय आंतरिक खुफिया एजेंसी IB बाहरी खतरों की जानकारी जुटाने में असफल रही थी। RAW का मुख्य उद्देश्य बाहरी गतिविधियों पर नजर रखना, आतंकवाद से जुड़ी सूचनाएं एकत्र करना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
4. MI-6 (ब्रिटेन)
सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (SIS) जिसे आमतौर पर MI-6 कहा जाता है, ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी है। इसकी स्थापना 1909 में हुई थी। इसका उद्देश्य विदेशों में ब्रिटिश हितों की रक्षा करना और दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखना है। MI-6 के एजेंट दुनिया भर में सक्रिय रहते हैं।
5. ISI (पाकिस्तान)
इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1948 में हुई थी। इसका गठन अंग्रेज अफसर रॉबर्ट कॉवथोम ने किया था। यह एजेंसी अफगानिस्तान, भारत और पश्चिमी देशों में अपनी गतिविधियों के लिए चर्चा में रही है।
6. FIS (रूस)
सोवियत संघ के विघटन से पहले यहां KGB नामक खुफिया एजेंसी कार्यरत थी। इसके बाद रूस ने Foreign Intelligence Service (FIS) का गठन किया जिसे Federal Security Service भी कहा जाता है। FIS अब रूस के बाहरी खतरों से निपटने और विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का काम करती है।
दुनिया की ये एजेंसियां पर्दे के पीछे रहकर ऐसे ऑपरेशन करती हैं, जिनका असर कभी-कभी वैश्विक राजनीति तक पर पड़ता है।