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कुंभ मेले में 28 और 29 जनवरी की रात के बाद से 1,500 लोग लापता… जिम्मेदार कौन ?..

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कुंभ मेले में जहां लोग डेली यह आंकड़े पेश कर रहे हैं कि आज इतने लोगों ने नाहन किया वही आपको बता दूं की कुंभ मेले में भगदड़ में हुई मौत के आंकड़े उत्तर प्रदेश सरकार लगभग 30 के पास बता रही हैं कितने लोग अस्पताल में एडमिट है कितने लोग गायब है कितनों का इलाज सफलतापूर्वक हो रहा है यह कोई बताने को तैयार नहीं आपको बता दूं सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जो मीडिया कर्मी हॉस्पिटल में पेशंटों से जानकारी लेने पहुंचते हैं तो वहां के खाकी वर्दी धारी किस तरीके से अभद्रता करते नजर आ रहे हैं यह आप लोग लगातार वीडियो में देख रहे होंगे बड़ा सवाल यह है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार जहां कुंभ मेले का आयोजन भव्य तरीके से दिखाने की कोशिश कर रहा था और लगातार आंकड़े पेश करने का काम कर रही थी लेकिन इस घटना के होने के बावजूद क्या अब भी शासन प्रशासन ने वहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रखी हैं और आने जाने वालों के लिए सुविधा दे रखी है सरकार का काम है कि अगर कोई घटना हो जाती है तो उनके परिवार जनों के इलाज के साथ-साथ मुआवजा देना। आपको बता दें कि 28 और 29 जनवरी की रात के बाद से जो1,500 लोग लापता हैं अब 60 घंटे से ज़्यादा का समय हो चुका है लेकिन उनका कुछ अता पता नहीं है कि वह लापता लोग कहां है और कैसे हैं क्या वो लोग कहीं गुप्त समाधि लेकर बैठे हुए हैं।
ध्यान रहे कि ये आंकड़े केवल उनके हैं जिनके परिजन उन्हें ढूँढ रहे हैं जो लोग अकेले गए हैं वे इस आँकड़े में शामिल नहीं हैं।
बाकी सरकारी व्यवस्था का कमाल देखिए घंटे घंटे में सही या झूठ बताने वाली कि अब तक इतने करोड़ लोग स्नान कर चुके है सरकार गुमशुदा लोगों पर कोई आंकड़े जारी नहीं कर रही है।

सरकार यह बता रही है कि तमाम गुम हुए लोगों को उसने बसों और अन्य साधनों से उनके घरों को रवाना कर दिया है। क्या गजब है कि गायब हुए परिवार जन उनको ढूंढ रहे हैं। लेकिन सरकार कह रही है कि हमने उनको उनके घर के लिए रवाना कर दिया है बड़ा सवाल यह है कि अगर सरकार ने उन लोगों को उनके घर के लिए रवाना ही कर दिया था तो सरकार को उनकी एक सूची बनाकर उनके परिवार जनों को दे देने का काम करना चाहिए था ताकि उनके परिवार जनों को या पता चल जाता यह लोग सरकार को मिल चुके हैं और सरकार उनको हमारे घरों तक पहुंचाने का काम कर रही है और लापता लोग उनके इंतजार में इधर-उधर न भटकते। और उनके परिवार जन निश्चित हो जाते। कुंभ मेले का गजब का सिस्टम है की नहान वालों के आंकड़े तो डेली पेश हो रहे हैं लेकिन गायब हुए लोगों की सूची अभी तक सरकार ने नहीं जारी की हैं।
जनता को वही मिलता है जिसके वे लायक होती है। अब देवतुल्य जनता ने बार बार चुना है तो उसे धीरेंद्र शास्त्री के मुताबिक बाकी देवतुल्य जनता के पैरों तले कुचले जाकर सीधे मोक्ष पाने का पूरा अधिकार तो है। बड़ा सवाल यह भी है कि जो भारत देश में बाबाओं के दरबार में हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं तो क्या इन बाबाओ को या फर्ज नहीं था क्योंकि वह भविष्य वक्ता होते हैं तो इस कुंभ मेले का आखिर उन बाबाओं ने क्यों नहीं भविष्य बताया कि कुंभ मेले में भगदड़ हो सकती है और इसमें इतने लोगों की मौत भी हो सकती तो क्या बाबा केवल आम जनता को ठगने के लिए बैठा है। धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग जो अपनी दुकान इन गरीब मजबूर लोगों की वजह से ही चला रहे हैं।

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