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ब्रेकिंग न्यूज़ हाथरस: शिक्षा विभाग में एक और बड़ा घोटाला उजागर – सवालों के घेरे में शिक्षक चंद्र मोहन राणा

रिपोर्ट- प्रतीक वार्ष्णेय

हाथरस। शिक्षा विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इस बार मामला जुड़ा है एक शिक्षक चंद्र मोहन राणा से, जिनके खिलाफ गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।

सूत्रों के अनुसार, चंद्र मोहन राणा वर्ष 2009 से 2011 तक एक ही विद्यालय में पदस्थ रहे और लगातार वहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसी अवधि में उन्होंने पीएचडी की ‘हायर डिग्री (एचडी)’ की पढ़ाई भी रेगुलर मोड में की, जिसमें उनकी नियमित उपस्थिति विश्वविद्यालय में भी आवश्यक थी।

अब सवाल यह उठता है कि—
क्या कोई व्यक्ति एक ही समय पर दो जगह रेगुलर मोड में उपस्थित रह सकता है?

जहाँ एक ओर विद्यालय में नियुक्ति दर्शाया गया है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय में भी उसी समय उपस्थिति अनिवार्य थी।
इससे स्पष्ट होता है कि या तो दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया गया है, या फिर किसी बड़े विभागीय गठजोड़ के तहत यह खेल रचा गया है।

क्या यह विभागीय मिलीभगत का मामला है?

क्या अधिकारियों ने जानबूझकर इस दोहरी उपस्थिति को नज़रअंदाज़ किया?

क्या विश्वविद्यालय और विद्यालय दोनों में मैनुअल हाज़िरी को ही हथियार बनाकर नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं?

शिक्षा विभाग में पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ शिक्षक बिना ड्यूटी पर आए सैलरी लेते रहे या उच्च डिग्री की पढ़ाई करते हुए नौकरी भी चलाते रहे।

क्या बेसिक शिक्षा ऑफिस में ऐसे ही घोटाले चलते रहेंगे और बीएसए रहेगी मौन। आखिरकार,हाथरस जिलाधिकारी क्यों सोते हैं चैन की नींद क्यों नहीं कर रहे हैं दोषियों पर कार्यवाही

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