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बार्कलेज ने 2025-26 के बजट में व्यक्तिगत आयकर में कटौती की सलाह दी

आर्थिक वृद्धि और खपत को बढ़ावा देने के लिए आयकर कटौती की आवश्यकता
आर्थिक सेवा प्रदाता बार्कलेज ने सरकार से आग्रह किया है कि 2025-26 के बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती की जाए। उनका मानना है कि इससे खपत और मांग को मजबूती मिलेगी, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।

राजकोषीय मजबूती और विकास का संतुलन
बार्कलेज के मुख्य अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी का कहना है कि सरकार को वित्तीय मजबूती के साथ-साथ आर्थिक विकास पर भी समान रूप से ध्यान देना चाहिए। कर स्लैब में बदलाव कर व्यक्तिगत आयकर दरों को कम करने से सरकार को ज्यादा वित्तीय नुकसान नहीं होगा और यह एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है।

कर संग्रह में वृद्धि से सरकार को कोई घाटा नहीं होगा
गुडवानी ने यह भी बताया कि कर कटौती से बाजार में मांग बढ़ेगी, जो सरकार के राजस्व में कमी नहीं आने देगी। इसके अलावा, निजी निवेशक भी मांग में वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।

नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने की संभावना
बार्कलेज को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई कर व्यवस्था में बदलाव करेंगी, जिससे ज्यादा करदाता इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। पिछले बजट में सरकार ने वेतनभोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती 75,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन पर 25,000 रुपये तक कर दी थी।

ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राहत की संभावना
महंगाई को नियंत्रित रखते हुए लोगों की खर्च-योग्य आय बढ़ाने के लिए एक और तरीका ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती हो सकता है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन 2022 से अब तक ईंधन की खुदरा कीमतें स्थिर रही हैं। यदि सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती करती है, तो इससे जनता को राहत मिल सकती है।

अमेरिकी नीति से जुड़ी सीमा शुल्क घोषणाओं का प्रभाव
बार्कलेज ने यह भी कहा कि अमेरिकी नीति से जुड़ी सीमा शुल्क घोषणाएं भी महत्वपूर्ण होंगी। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की वापसी की संभावना को देखते हुए, भारत को अपनी रणनीति पर पुनः विचार करना होगा। यह देखा जाएगा कि सरकार इन नीतियों का जवाब किस तरह देती है।

निवेश और रोजगार में वृद्धि के संकेत
आयकर और ईंधन कर में कटौती से बाजार में मांग और खपत को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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