मिर्जापुर बिजली विभाग की ‘डिजिटल डेथ स्कीम’—स्मार्ट मीटर लगाइए और मौत के जाल में फंस जाइए!

- रिपोर्ट: चन्दन दुबे
मिर्जापुर: जिले में स्मार्ट मीटर योजना अब स्मार्ट घोटाला योजना बनती नजर आ रही है! सरकार ने डिजिटल क्रांति के नाम पर स्मार्ट मीटर लगवाने का फैसला तो कर लिया, लेकिन इस योजना की हकीकत इतनी खौफनाक है कि यह किसी दिन जानलेवा साबित हो सकती है! मीटर लगाया, तार लगाए के फैला के ठेकेदार गायब बताते चले कि, बिजली विभाग के ठेकेदारों ने स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका तो ले लिया, लेकिन लापरवाही भी मुफ्त में बांट दी! जिन तारों को बिजली के खंभों पर व्यवस्थित होना चाहिए था, वे अब सड़कों ओर गलियों में बिछे मौत के फंदे बन चुके हैं। कोई भी बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है, लेकिन बिजली विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं! हालांकि इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है।
मिर्जापुर में मौत का मकड़जाल!
मिर्जापुर शहर कोतवाली क्षेत्र के कई मोहल्ले में GMR कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दिया गया था। इस काम को पेटी कॉन्ट्रैक्टर राजा दुबे ने हाथ में लिया और पुराने मीटर निकालकर नए मीटर लगा दिए, और बदले में मौत का जाल छोड़ गए! अब बिजली के खुले तार सड़कों और गलियों में बिखरे पड़े हैं। हैरानी की बात यह है कि यह हालात एक-दो दिन से नहीं, बल्कि पूरे एक महीने से बने हुए हैं! स्थानीय लोगों ने कई बार बिजली विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदार से इस की शिकायत की, लेकिन हर बार उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया!
पैसे की मांग और लापरवाही पर विभाग चुप !
वही इस ठेकेदार राजा दुबे के कर्मचारियों के द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर अवैध वसूली की मांग कर चुके हैं। शिकायतें हुईं, लेकिन सरकार की कथित ‘स्मार्ट’ व्यवस्था ने इसे अनसुना कर दिया।अब सवाल उठता है कि क्या सरकार के जिम्मेदार विभाग ठेकेदारों के इस लापरवाही पर आंखें मूंदे बैठे रहेंगे हैं । या कोई सख्त कार्यवाही होगी।