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मनरेगा की भर्ती में करोड़ों के धन उगाही का आरोप 

धन उगाही के मामले में डीसी मनरेगा ब्रजेश त्रिपाठी की जांच शुरू 

  • रिपोर्ट: शुभम कश्यप

बाराबंकी:

बिना व्यापक प्रचार प्रसार के मनरेगा योजना में भर्ती और कम्पनी से करोड़ों रुपए धन उगाही करने के मामले में उपयुक्त श्रम रोजगार बाराबंकी की शिकायत मसौली के एक युवक ने प्रमुख सचिव से करने के बाद इस मामले की शासन दो सदस्यीय टीम जांच कर पन्द्रह दिवस में आख्या मांगी गई है। शिकायत पत्र और शासन से प्राप्त पत्र के अनुसार बाराबंकी में कार्यरत उपायुक्त (श्रम रोजगार) बृजेश कुमार त्रिपाठी द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से मनरेगा कार्मिकों की भर्ती कराने की कार्यवाही की जा रही है। जिसमें वेन्डर चयन एम०एस०सी० के माध्यम से वरीयता देकर कराना था। परन्तु इनके द्वारा व्यक्तिगत लाभ के चलते क्रॉप्सकेबर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड संस्था को गलत तरीके से चयन कराया गया है। उक्त एजेन्सी द्वारा काम पाते ही बिना न्यूज पेपर मे व्यापक प्रचार प्रसार के बिना ही सेवायोजन पोर्टल पर बिना जातिवार पद विवरण को गोपनीय रखकर आनन फानन में भर्ती प्रक्रिया चालू कर दी गयी। यह सब यही नहीं रूका मेसर्स कॉप्सकेयर इन्फोटेक प्रा०लि० इन्टरव्यू के लिए कम्पनी के हेड आफिस पता०ए०५१-०२-०१, शुलभ आवास सेक्टर १, गोमतीनगर विस्तार लखनऊ न बुलाकर अपने अन्य पता डा० नरेन्द्र गुप्ता हास्पिटल के बगल वाली गली में जनपद बांदा में बुलाया गया है। जो कि लखनऊ से 200 किलोमीटर व जनपद बाराबंकी 250 किलोमीटर दूर बुलाया गया वहाँ पर हम लोगों के कागज जमा करा लिए गये और कोई सवाल जबाब नहीं किये गये।

एजेन्सी के कर्मचारी अनुराग द्वारा बताया मैसेज आयेगा लेकिन हम लोग को कोई मेसेज नहीं आया। इसके बावजूद बिना विभागीय कामेटी के गठित किये कम्पनी द्वारा स्वयं इन्टरव्यू लेकर उपायुक्त बाराबंकी की मिली भगत से 2 लाख से 5 लाख रूपयों तक उगाही करते हुए मनमाने तरीके से 25 से 40 कर्मचारियों की तैनाती कर दी परन्तु अपने नियुक्ति पत्र में अभ्यर्थी का सेवायोजन पंजीकरण व आवेदन क्रमांक, साक्षात्कार ‘दिनाँक जिसमें उसका चयन हुआ है सभी तथ्यों को छुपाया गया है। जेम पोर्टल पर निकाले गये टेण्डर १७० एजेन्सियों द्वारा टेन्डर डाला गया। जिसमें गलत तरीके से चयन कराकर मेसर्स कॉप्सकेयर इन्फोटेक प्रा०लि० को व्यक्तिगत लाभ दिया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक बाराबंकी के पक्ष में धरोहर धनराशि जमा करना था, जबकि सम्बन्धित एजेन्सी से बिना धरोहर धनराशि जमा किए टेण्डर पास करा दिया गया। जिला स्तर पर कमेटी द्वारा साक्षात्कार लिया जाना था, किन्तु एजेन्सी द्वारा दो से चार लाख रुपए लेकर सीधे नियुक्ति पत्र देकर उपायुक्त मनरेगा के समक्ष योगदान करा दिया गया है। जिससे यह साफ नजर आता है कि उक्त कार्य में व्यापक भ्रष्टाचार संलिप्त है। उपायुक्त (श्रम रोजगार) बाराबंकी के द्वारा पूर्व मे भी व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है। जैसेः समय समय पर ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कार्य के नाम पर, मनरेगा कार्मिकों को ब्लाकों एवं ग्राम पंचायतों में तैनाती के नाम पर कई बार फेरबदल करके अपने मनमाने कर्मचारियों को नजदीकी ब्लाक व अन्य कर्मियों को दूरस्थ ब्लाकों में रूपयों की वसूली करके फेरबदल किया जाता है। इस मामले को लेकर संयुक्त उपयुक्त आशुतोष दुबे ने संत कुमार संयुक्त आयुक्त मनरेगा और एसपी सिंह मुख्य प्राविधिक परीक्षक ग्राम विकास विभाग को उपर्युक्त मामले की जांच कर पन्द्रह दिवस के अन्दर जांच कर कार्यवाही करने के लिए निर्देश जारी किया है।

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