अखिलेश यादव ने मीडिया से वार्ता के दौरान बीजेपी पर जमकर साधा निशाना , कुंभ को लेकर कही बड़ी बात।

इटावा: अखिलेश यादव ने कहा; “महाकुंभ में जो व्यवस्था खराब है जो सरकार 100 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की बात कर रहे थे वह कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहे । जो अव्यवस्था हो गई है उसको हम समझा रहे है बता रहे है नाकामी सरकार की है हम उन्हें सूचना दे रहे है हम लोग पॉजिटिव पॉलिटिक्स कर रहे है और अगर जानकारी को भी वह बुराई समझ रहे है तो उनके लिए मेरे पास कोई इलाज नहीं है।”
केशव प्रसाद के द्वारा दिए गए बयान में कहा गया की 2047 तक मुलायम सिंह की विरासत का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता, जिस पर अखिलेश यादव ने पलट वार करते हुए कहा कि मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री जी को भी सुना था उन्होंने यह कहा कि 2047 तक हम ही रहेंगे, और जो महाकुंभ में इंटरव्यू दिया जा रहा था कुछ साधु संतों ने कहा था कि प्रधानमंत्री कौन होगा, और कई साधु संतों ने यह भी कहा तकिसी कुंभ में ये फैसला हुआ था कि कौन प्रधानमंत्री होगा तो ये जो 30 47 की लड़ाई है इसे आप समझ नहीं पा रहे हो।
आप को यह भी पता होगा भारतीय जनता पार्टी ने 75 साल के बाद रिटायरमेंट की बात की थी तो लखनऊ वाले को पता है कौन रिटायर होने जा रहा है इसलिए अपनी अपनी व्यवस्था में लगे हुए लोग है और जो एक नाम आप बार ले रहे हो वो जीरो है जीरो।
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर अखिलेश यादव ने कहा ; मैंने पहले भी कहा यह दुखद घटना है यह इंतजाम सरकार को देखना चाहिए था और दिल्ली जैसी राजधानी नाकामी होना जो लोग यह कहते हैं कि हम 5G डॉलर की इकोनॉमी बनाने जा रहे हैं जिससे भारत बनाने जा रहे हैं तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे हम और विश्व गुरु बनेंगे क्या यही परिभाषा है कि आप हमारे प्लेटफार्म पर गरीब लोगों को सुरक्षित नहीं रख सकते, उनका एक्सीडेंट हो जाए, जान चली जाए, जिन लोगों की जान गई है, चाहे वह महाकुंभ की भगदड़ में जान गई हो या अन्य किसी कारण से जान गई हो जो लोग रास्ते में अपने परिवार के सदस्यों की जान गई है या रेलवे के एक्सीडेंट में गई है दोनों सरकारों को मिलकर के मुआवजा देने की बात कही गई है । उन्हें मुआवजा देना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए। मैं मांग करता हूं कि उनके परिवारों को 50-50 लाख मदद सरकार को करना चाहिए।वे लोग धार्मिक कार्यक्रम में गए थे बड़ी श्रद्धा के साथ गए थे अपने कार्ड देकर के बुलाया था कभी भी कुंभ के आयोजन में कार्ड नहीं दिया जाता किसी को बुलावा नहीं दिया जाता। लोग स्वयं जाते थे।