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उन्नाव: हसनगंज समेत 6 तहसीलों के लेखपालों का ट्रांसफर, मगर रसूखदारों पर फिर भी कार्रवाई से दूरी

  • रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट

उन्नाव: लखनऊ मंडलायुक्त ने उन्नाव जिले की हसनगंज सहित 6 तहसीलों में तैनात लेखपालों का स्थानांतरण कर उन्हें गैर जनपदों में भेज दिया है। यह कदम लंबे समय से जिले में जमे अधिकारियों की जड़ता तोड़ने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन कुछ प्रभावशाली और चर्चित लेखपालों के नाम इस सूची में एक बार फिर नदारद हैं।

सूत्रों के अनुसार, कई रसूखदार लेखपाल वर्षों से उन्नाव में ही जमे हुए हैं और स्थानीय भूमाफिया व उद्योगपतियों के साथ मिलीभगत कर अकूत संपत्ति बना चुके हैं। इनका स्थानांतरण या तो होता ही नहीं है, या केवल कुछ दिनों की खानापूर्ति के लिए किया जाता है, जिसके बाद वे फिर उसी क्षेत्र में लौट आते हैं।

नक्शों से होती छेड़छाड़, जमीनों पर मनमानी
बताया जा रहा है कि इन लेखपालों की अनुपस्थिति में भी उद्योगपतियों की जमीनों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, और जब तक ये खुद न पहुंचें, नापजोख या सीमांकन अधूरा ही रहता है। कई मामलों में मनमाने ढंग से जमीनों का नक्शा बदलकर प्रभावशाली लोगों को कब्जा दिलवाया गया है, जिससे नए नियुक्त लेखपाल भी नक्शा समझ नहीं पाते और उन्हें ‘माननीय लेखपाल’ की मौजूदगी के बिना कोई कार्रवाई नहीं कर पाते।

क्या जिलाधिकारी की नजर पहुंचेगी इन पर?
अब सवाल उठता है कि क्या तेज-तर्रार जिलाधिकारी इन रसूखदार लेखपालों पर कड़ी नजर डालेंगे और जिले में वर्षों से चले आ रहे साठगांठ के खेल को खत्म करेंगे? फिलहाल, कई ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को बाहर भेजकर असल में बदलाव कितना हुआ है, यह आने वाले समय में ही साफ होगा।

उम्मीद है कि यह कार्रवाई केवल स्थानांतरण तक सीमित न रहकर, व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगी।

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