पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच भारत का एयर डिफेंस मजबूत करने पर जोर, QRSAM की खरीद को मिल सकती है मंजूरी

नई दिल्ली: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़े तनाव के बाद केंद्र सरकार ने देश की वायु सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। मकसद साफ है – दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को समय रहते जवाब देना और नाकाम करना।
जल्द आ सकता है QRSAM खरीद का प्रस्ताव
सरकार की योजना स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) की खरीद की है। यह प्रस्ताव जल्द ही रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) के सामने रखा जाएगा।
30,000 करोड़ रुपये के सौदे की तैयारी
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत सरकार QRSAM की तीन रेजिमेंट्स खरीदने जा रही है। इस रक्षा सौदे की अनुमानित लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये रेजिमेंट्स खासतौर पर पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैनात की जाएंगी।
जून के आखिरी हफ्ते में मिल सकती है मंजूरी
इस प्रस्ताव को जून 2025 के अंतिम सप्ताह में होने वाली DAC की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इसे तेजी से हरी झंडी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
क्या है QRSAM सिस्टम की खासियत?
- यह मिसाइल सिस्टम ऐसे हालात के लिए तैयार किया गया है, जहां तत्काल और सटीक जवाबी कार्रवाई की जरूरत हो।
- QRSAM को DRDO, BEL और BDL ने मिलकर विकसित किया है।
- इसकी रफ्तार 6000 किमी प्रति घंटा है और यह 3 से 30 किमी तक की दूरी तक मार करने में सक्षम है।
- यह सिस्टम 98 फीट से लेकर 33,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन, मिसाइल या दुश्मन के विमानों को भी सटीकता से ट्रैक और नष्ट कर सकता है।
एयर डिफेंस को मिलेगा नया आयाम
QRSAM की तैनाती से भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस प्रणाली और ज्यादा चौकस, तेज और सटीक हो जाएगी। यह भविष्य में किसी भी संभावित हवाई घुसपैठ या हमले को रोकने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
इस कदम से यह साफ है कि भारत अब हवाई सुरक्षा में आत्मनिर्भरता और आक्रामक जवाब देने की नीति को प्राथमिकता दे रहा है।