मुंबई: एनएसई और बीएसई में बदलेगा एक्सपायरी का दिन, 1 सितंबर 2025 से लागू होगा नया शेड्यूल

मुंबई: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में इक्विटी डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी के दिन को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी के बाद दोनों एक्सचेंजों ने एक्सपायरी डेट में फेरबदल की घोषणा की है, जो 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी।
NSE की ओर से मंगलवार को बताया गया कि अब इक्विटी डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी गुरुवार की बजाय मंगलवार को हुआ करेगी। यह फैसला मार्केट में अस्थिरता को कम करने और एक्सपायरी की एकरूपता लाने के उद्देश्य से लिया गया है। सेबी की स्वीकृति के बाद NSE ने इस बदलाव को लेकर नया सर्कुलर भी जारी किया है।
क्या बदलेगा NSE में?
- 1 सितंबर 2025 से नए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी हर महीने के अंतिम मंगलवार को होगी।
- 31 अगस्त 2025 तक समाप्त होने वाले सभी मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी गुरुवार को ही रहेगी।
- लंबी अवधि वाले इंडेक्स ऑप्शंस को जरूरत के हिसाब से पुनर्गठित किया जा सकता है।
बीएसई में क्या बदलाव होगा?
सेबी ने BSE को भी एक्सपायरी दिन को मंगलवार से गुरुवार शिफ्ट करने की मंजूरी दी है। बीएसई ने भी सेबी की मंजूरी के बाद बदलाव का सर्कुलर जारी कर दिया है।
- 31 अगस्त 2025 तक के कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी मौजूदा दिन यानी मंगलवार को ही होगी।
- 1 सितंबर 2025 से नए कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी गुरुवार को की जाएगी।
- लंबी अवधि के इंडेक्स ऑप्शंस को जरूरत के अनुसार समायोजित किया जाएगा।
यह बदलाव सेबी की सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी (SMAC) की विस्तृत चर्चा के बाद किया गया है, ताकि दोनों एक्सचेंजों के बीच समन्वय बना रहे और बाजार में व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
यह निर्णय निवेशकों के लिए स्पष्टता और स्थिरता लाने के इरादे से लिया गया है, जिससे एक्सपायरी के दिनों में भ्रम की स्थिति खत्म हो सके।