लखनऊ: गुरुद्वारा यहियागंज में श्रद्धा से मनाया गया गुरु अर्जन देव जी का शहीदी पर्व

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ: गुरुद्वारा यहियागंज में आज सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी पर्व बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों की भव्य श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का आयोजन डॉ. गुरमीत सिंह के संयोजन में किया गया। सुबह 5:00 बजे से सुखमनी साहिब जी के पाठ का शुभारंभ हुआ और 6:30 बजे 40 दिनों से चल रहे लड़ीवार पाठों का समापन हुआ।
दिन भर देशभर से आए रागी जत्थों ने शबद कीर्तन के माध्यम से संगत को अध्यात्मिक अनुभव से सराबोर किया। लुधियाना से विशेष रूप से आए भाई पवनदीप सिंह ने अपने मधुर कीर्तन से संगत को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान सुबह से ही कच्ची लस्सी की छबील लगाई गई और श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर वितरित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने सेवा और प्रसाद ग्रहण किया।
हेड ग्रंथी ज्ञानी परमजीत सिंह जी ने गुरु अर्जन देव जी के बलिदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सन् 1606 में मुगल शासक जहांगीर के आदेश पर गुरु जी को यासा के नियमों के तहत शहीद किया गया। उन्होंने बताया कि यासा के अनुसार शहीद का खून जमीन पर नहीं गिरता — गुरु जी को गर्म तवे पर बैठाकर शहीद किया गया, जो साहस, त्याग और धर्म की रक्षा का अनुपम उदाहरण है।
इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर श्रद्धा, सेवा और संगत के भाव से सराबोर रहा।