निजीकरण के विरोध और संविदाकर्मियों की हड़ताल पर सख्त मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और चेयरमैन तलब

- रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
लखनऊ: राज्य में बिजली विभाग के निजीकरण के बढ़ते विरोध और संविदाकर्मियों की जारी हड़ताल को लेकर हालात बिगड़ते देख आज मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने ऊर्जा मंत्री और विद्युत विभाग के चेयरमैन को तत्काल तलब कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि जनता को किसी भी स्थिति में बिजली संकट का सामना नहीं करना चाहिए। उन्होंने विभाग को संवेदनशील और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और हड़ताल की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल वैकल्पिक इंतजाम करने को कहा है।
बिजली विभाग में निजीकरण के खिलाफ बीते कुछ दिनों से संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे कई जिलों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। हड़ताली कर्मचारी निजीकरण के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
सरकार अब इस मामले को लेकर जल्द कोई फैसला या समाधान निकाल सकती है, क्योंकि आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।