एसपीजी इंस्पेक्टर की फरियाद, दबंगों और पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट
मैनपुरी:
कुशासन और दबंगई की कहानी तब और चिंताजनक हो जाती है जब खुद कानून व्यवस्था का हिस्सा रहे एक एसपीजी इंस्पेक्टर को न्याय के लिए गुहार लगानी पड़े। ऐसा ही एक मामला कुरावली के ग्राम अकबरपुर झाला से सामने आया है, जहां एसपीजी इंस्पेक्टर ने दबंगों और पुलिस दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़ित एसपीजी इंस्पेक्टर ने एसपी कार्यालय पहुंचकर एसपी ग्रामीण से मुलाकात की और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि ग्राम प्रधान के दबाव में स्थानीय पुलिस काम कर रही है और उनके परिवार को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ दबंगों ने उनके भाई को बीच रास्ते में बेरहमी से पीटा, लेकिन पुलिस न सिर्फ मूकदर्शक बनी रही, बल्कि पीड़ित की कोई सुनवाई भी नहीं हुई। उनका कहना है कि जब उन्होंने थाने में शिकायत करने की कोशिश की तो वहां भी उन्हें टालमटोल किया गया और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
“क्या ग्राम प्रधान का रसूख कानून व्यवस्था से भी ऊपर है?” – यह सवाल खुद एसपीजी इंस्पेक्टर ने प्रशासन से किया। उन्होंने बताया कि पुलिस न सिर्फ निष्क्रिय है, बल्कि दबंगों को संरक्षण देने का काम कर रही है।
पीड़ित इंस्पेक्टर का कहना है कि यदि एक सुरक्षा बल का अधिकारी ही अपने और अपने परिवार के साथ हो रहे अन्याय को लेकर न्याय की तलाश में भटक रहा है, तो आम नागरिकों का क्या हाल होगा? उन्होंने कहा कि यह केवल उनका व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि पूरे तंत्र पर सवाल है।
एसपी ग्रामीण ने इस पूरे मामले की जांच कराने का भरोसा दिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या स्थानीय प्रशासन वाकई निष्पक्ष कार्रवाई करेगा, या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
एसपीजी इंस्पेक्टर की शिकायत के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है, और अब सभी की नजरें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं। पीड़ित ने उम्मीद जताई है कि शासन-प्रशासन न्याय देगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।