मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा की

- रिपोर्ट: राजीव आनन्द
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यां की समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण की मार झेल रहीं संकटग्रस्त नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन का स्वरूप देने की आवश्यकता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यां की समीक्षा की।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी समीक्षा बैठक में मौजूद रहे।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी समीक्षा बैठक में मौजूद रहे।
नमामि गंगे विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव समीक्षा बैठक में मौजूद रहे।
नदी पुनरुद्धार को केवल परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करें।
नदी पुनरुद्धार के लिए मण्डलायुक्तों की जिम्मेदारी तय की जाए और इस वर्ष पौधरोपण कार्यक्रम विशेष रूप से नदियों के किनारे केंद्रित हो।
यह कार्य केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनसहभागिता पर आधारित हो।
अविरल-निर्मल गोमती’ की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के निर्देश, एक माह में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाए, मानसून उपरांत इस पर भौतिक कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए।
जल निकासी व्यवस्था में सीवर और ड्रेनेज को पृथक रूप से देखा जाए।
गोमती नदी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की स्थिति सुनिश्चित की जाए।
गोमती नदी की तर्ज पर प्रदेश की अन्य नदियों जैसे हिण्डन नदी, वरुणा नदी आदि के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएं और इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
पेयजल पाइपलाइन डालने या अन्य कार्यों के कारण खोदी गयी सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता से की जाए।
अधिशासी अभियंता स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ स्थलीय भ्रमण कर कार्यों की गुणवत्ता जांचें, इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित की जाए।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र और विंध्य क्षेत्र में ‘जल जीवन मिशन’ के प्रभावों का मूल्यांकन किसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा कराया जाए।
सभी वॉटर हेड टैंकों के आसपास साज-सज्जा कर सौंदर्यीकरण किया जाए, जिससे लोगों के बीच जल के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता का भाव विकसित हो।
गांवों में जल समितियों को सक्रिय करते हुए हर स्तर पर जनसहभागिता को बढ़ाया जाए, सभी खराब हैण्डपम्पों की तत्काल मरम्मत कराई जाए।