भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरदासपुर में ब्लैकआउट का ऐलान

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कुल 9 इलाकों में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इसके बाद पाकिस्तान ने 7 मई की रात को एक बार फिर हमला करने की कोशिश की, जिसमें पंजाब और चंडीगढ़ के आठ सैन्य ठिकानों पर रॉकेट और मिसाइल दागे गए।
भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने पाकिस्तान के इस हमले को नाकाम करते हुए, अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय किया और पाकिस्तानी मिसाइलों को नष्ट कर दिया। इसके बाद, भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार के साथ मिलकर नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के तहत जरूरी निर्देश जारी किए हैं।
गुरदासपुर जिले में ब्लैकआउट का ऐलान
भारत सरकार ने पंजाब में हाई अलर्ट घोषित किया है, और गुरदासपुर जिले में गुरुवार रात 9 बजे से शुक्रवार सुबह 5 बजे तक पूरी तरह से ब्लैकआउट करने का आदेश जारी किया है। 8 मई 2025 से प्रभावी इस आदेश के तहत गुरदासपुर जिले में सभी रोशनी को बंद किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।
सरकारी आदेश के मुताबिक
सरकारी बयान में कहा गया, “भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के कारण, नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1968 के तहत 8 मई 2025 से अगले आदेश तक गुरदासपुर जिले में ब्लैकआउट रहेगा। हालांकि, यह आदेश केंद्रीय जेल गुरदासपुर और अस्पतालों पर लागू नहीं होगा। इन संस्थाओं को अपनी खिड़कियों को बंद रखने और गहरे रंग के कपड़ों से कवर करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि रोशनी बाहर न जा सके।”
संवेदनशील स्थिति के मद्देनजर तैयारियां
रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटने के लिए तैयार रहा जा सके।
कहां नहीं रहेगा ब्लैकआउट?
ब्लैकआउट का यह आदेश गुरदासपुर सेंट्रल जेल और अस्पतालों में लागू नहीं होगा, हालांकि इन स्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खिड़कियों को बंद रखें और गहरे रंग के कपड़े से कवर करें, ताकि रोशनी बाहर न जाए।
भारत सरकार ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है, और यह भी साफ किया है कि ऐसे संकटपूर्ण हालात में नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाएगा।