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भारतीय सेना का पराक्रम: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में पाक अधिकृत आतंकियों पर सटीक प्रहार, कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने साझा की जानकारी

रिपोर्ट: अनुराग सिंह बिष्ट

जय हिंद, जय भारत, जय हिंद की सेना

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के जवाब में भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसका रुख स्पष्ट, निर्णायक और जिम्मेदार है। बुधवार सुबह 10:30 बजे विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री, आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत दो मिनट के ऑपरेशन वीडियो से हुई, जिसमें पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के दृश्य दिखाए गए। यह भारत के इतिहास में पहली बार था जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंदू और मुस्लिम महिला अफसरों ने संयुक्त रूप से सेना के ऑपरेशन की जानकारी दी — एकता और शक्ति की अनूठी मिसाल।

ऑपरेशन सिंदूर: 9 आतंकी ठिकाने तबाह
1:05 बजे से 1:30 बजे तक चले ऑपरेशन में भारतीय सेना ने लश्कर, जैश और हिजबुल के लॉन्चपैड्स, ट्रेनिंग सेंटर और कंट्रोल हब को सटीक निशाना बनाया। कुल 9 ठिकानों को तबाह किया गया, जिनमें शामिल थे:

  • मुजफ्फराबाद का सवाई नाला और सैयदना बिलाल कैंप – पहलगाम हमले के आतंकियों की ट्रेनिंग साइट
  • गुलपुर और कोटली – 2023 पुंछ हमले से जुड़े आतंकी यहीं प्रशिक्षित हुए
  • सियालकोट का सरजल कैंप और महमूना जाया कैंप – पुलिस पर हमलों में शामिल आतंकियों का अड्डा
  • मुरीदके का मरकज तैयबा – कसाब और हेडली को यहीं ट्रेन किया गया था
  • बहावलपुर का मरकज सुभानअल्लाह – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री का बयान:
“हमारे पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी कि पाकिस्तान से और हमले हो सकते हैं। हमने आतंकियों पर ही निशाना साधा, नागरिकों या पाकिस्तानी सेना को नुकसान नहीं पहुंचाया। यह हमला नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण था।”

उन्होंने बताया कि TRF नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और UN द्वारा प्रतिबंधित है।

शहीदों को श्रद्धांजलि और सेना का सम्मान
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस को बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम में निर्दोषों की हत्या का प्रतिशोध था। उन्होंने कहा, “हमने सुनिश्चित किया कि किसी भी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे। यह हमला आतंक के ढांचे को तोड़ने और उनके मंसूबों को नष्ट करने के लिए था।”

पिछले एक दशक में 350 भारतीय नागरिकों की जान सीमा पार आतंकवाद ने ली है और 600 से अधिक जवान शहीद हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर इस इतिहास को बदलने की ओर भारत का बड़ा कदम है।

🇮🇳 जय हिंद! भारतीय सेना को सलाम!
हर भारतीय का समर्थन हमारे जवानों के हौसले को और बुलंद करता है।
“तिरंगे के हर रंग में हमारे वीरों का बलिदान है – इसे सलाम कीजिए!”

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